छत्तीसगढ़ के नवीन जिले सक्ती में वेदांता कंपनी ग्रुप देने जा रही बड़ी सौगात, जिले के विकास में होगी महत्वपूर्ण भूमिका, जानें महत्वपूर्ण फैसला !

नई दिल्ली/छत्तीसगढ़ (समाचार मित्र) सामुदायिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) अपनी प्रमुख महिला और बाल विकास पहल ‘प्रोजेक्ट नंद घर’ के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सक्ती जिले में 100 नंद घर स्थापित करेगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना वेदांता की सामाजिक प्रभाव शाखा अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) और सक्ती जिले के महिला और बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग के बीच साझेदारी के तहत चलाई जा रही है, जिसके लिए हाल ही में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।यह पहल वेदांता लिमिटेड छत्तीसगढ़ थर्मल पॉवर प्लांट (VLCTPP) द्वारा समर्थित है। सिंघीतराई में वीएलसीटीपीपी का निर्माणाधीन थर्मल पॉवर प्लांट है, जिसकी कुल क्षमता 1,200 मेगावाट है। सक्ती के महिला और बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने 100 ब्राउनफील्ड आँगनवाड़ियों की सूची तैयार की है, जिन्हें आधुनिक नंद घरों में बदलने का काम किया जाएगा। ‘प्रोजेक्ट नंद घर’ वेदांता ग्रुप की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो पारंपरिक आँगनबाड़ियों को अत्याधुनिक सुविधाओं में बदलकर समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
सक्ती जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सुधाकर बोदले ने समुदाय के विकास के प्रति वेदांता ग्रुप की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा, “हमारे जिले की आँगनवाड़ियों को नंद घरों में बदलने के उद्देश्य से अनिल अग्रवाल फाउंडेशन और वीएलसीटीपीपी के बीच हुई महत्वपूर्ण साझेदारी वास्तव में सराहनीय है। ये आधुनिक केंद्र एक बेहतर इकोसिस्टम से लैस होंगे, जिससे हमारे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, उनके समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा और महिलाएँ सशक्त बनेंगी। मुझे विश्वास है कि यह साझेदारी नए अवसर उत्पन्न करेगी और सक्ती जिले के जरूरतमंद लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।”श्री शशि अरोड़ा, नंद घर के सीईओ ने कहा, “मैं छत्तीसगढ़ सरकार और सक्ती जिले के महिला और बाल विकास विभाग का आभारी हूँ, जिन्होंने हमें 100 मौजूदा आँगनवाड़ियों को तकनीकी दृष्टि से उन्नत नंद घर केंद्रों में बदलने की जिम्मेदारी दी है, ताकि बच्चों और महिलाओं का समग्र विकास हो सके। 15 राज्यों में पहले से 7,000 से अधिक नंद घर सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, और यह हमारा सौभाग्य है कि हम 5 लाख से भी अधिक बच्चों और महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दे रहे है। हम इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि बच्चों की देखभाल के क्षेत्र में क्राँति लाई जा सके। हमारा मुख्य ध्यान कुपोषण से लड़ने, प्री-प्राइमरी शिक्षा को बेहतर बनाने और महिलाओं को सशक्त बनाने पर है। हम राज्य और केंद्र सरकारों के साथ मिलकर समुदायों को सशक्त बनाने और स्थायी बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं।”