
रायपुर/कोरबा (समाचार मित्र) राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बहुचर्चित डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) घोटाले में 9 मई को बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 तत्कालीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।

न्यायालय ने 13 मई तक यानि चार दिन के लिए चारों आरोपी पत्थलगांव जनपद सीईओ वीरेंद्र कुमार राठौर, रिटायर्ड जनपद सीईओ बीएस राज, डीएमएफ नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर और जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्जा को पुलिस रिमांड पर भेजा है. बता दें कि इन अधिकारियों पर डीएमएफ फंड के करोड़ों रुपये के गबन का आरोप है.
अधिकारियों की गिरफ्तारी ब्यूरो के अपराध क्रमांक 02/2024 के तहत की गई है, जिसमें विस्तृत विवेचना के बाद पर्याप्त साक्ष्य सामने आए। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें 13 मई 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
भरोसा राम ठाकुर – तत्कालीन नोडल अधिकारी, डीएमएफ, जिला कोरबा (छग)।
भूनेश्वर सिंह राज – तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कोरबा(छग)।
राधेश्याम मिर्झा – तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कोरबा(छग)।
वीरेंद्र कुमार राठौर – तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला कोरबा(छग)।
DMF फंड के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े के गंभीर आरइन अधिकारियों पर डीएमएफ फंड के दुरुपयोग, वित्तीय अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि डीएमएफ के तहत खनिज क्षेत्र के विकास के लिए स्वीकृत योजनाओं में भारी वित्तीय घोटाला किया गया, जिसमें ठेके देने में पारदर्शिता नहीं बरती गई और कई योजनाएं कागज़ों में ही पूर्ण दिखा दी गई। ब्यूरो ने प्रारंभिक जांच के बाद संबंधित दस्तावेजों, बैंक लेन-देन और फर्जी भुगतान की पुख्ता जानकारी जुटाकर इन अधिकारियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य एकत्र किए। इन पर डीएमएफ फंड के करोड़ों रुपये के गबन का आरोप है।
पूछताछ में बड़े खुलासे होने की संभावना
पुलिस रिमांड के दौरान इन अफसरों से पूछताछ में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। यह आशंका है कि इस घोटाले में अन्य अधिकारी, ठेकेदार और नेता भी शामिल हो सकते हैं। जांच एजेंसियां अब इन सभी संभावित संदिग्धों की भूमिका की जांच में जुटी है।।