कोरबी धान खरीदी केंद्र में भारी अव्यवस्था का आलम, किसानों से पैसे लेकर काट रहे टोकन, ड्रेनेज व्यवस्था नही, अतिरिक्त धान लेने की भी शिकायत, किसान परेशान।

कोरबा (समाचार मित्र) धान खरीदी की अंतिम तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे खरीदी केंद्रों में लापरवाही और किसानों से ठगी का मामला बढ़ता जा रहा है। कोरबा जिले के अंतिम छोर में मौजूद आदिवासी सेवा सहकारी समिति मर्यादित कोरबी (हरदीबाज़ार) के धान खरीदी केंद्र में भारी अव्यवस्था का आलम है। किसानों से जल्दी धान खरीदने के चक्कर में प्रबंधक समुंद सिंह एवं फड़ प्रभारी शैलेंद्र राठौर बिना तौल किए ही धान खरीद लेते है जबकि ज्यादातर बोरियों में शासन के नियमानुसार एवं मानक से आवश्यकता से ज्यादा ही धान मिलता है। केंद्र में बोरियों की जांच करने पर ज्यादातर बोरियों में 41.200 से ज्यादा धान मिले जिसमें 300 से 500 ग्राम तक अतिरिक्त धान लिया जा रहा है। किसानों से प्रति बोरी धान तौल कर निर्धारित मापदंड में लेने का प्रावधान है जबकि इस केंद्र में सभी खरीदी मात्र 5 से 10 बोरियों की जांच करके ही कर ली जाती है। ज्यादातर बोरियों में मापदण्ड से ज्यादा ही धान मिलता है।
ड्रेनेज की नहीं व्यवस्था, नियम विरुद्ध रखे हजारों क्विंटल धान असुरक्षित।
कोरबी धान खरीदी केंद्र में रखे ज्यादातर धान बिना ड्रेनेज व्यवस्था के रखें गए है जिससे बरसात होने पर नमी होने एवं अव्यवस्था का खतरा बना हुआ है। ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से हजारों क्विंटल धान के भीगने का खतरा बना हुआ है। फड़ में धान की बोरियां अव्यस्थित है।


टोकन काटने में लापरवाही, पैसे लेकर काट रहे टोकन !
स्थानीय किसानों ने बताया कि केंद्र में जो पैसा देता है उसी का टोकन पहले कटता है (साक्ष्य सुरक्षित) नाम न बताने के शर्त पर किसानों ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रबंधक एवं फड़ प्रभारी किसानों से सुविधानुसार टोकन काटने के बदले राशि की मांग करते है। ग्रामीणों ने ये भी बताया कि कुछ बिचौलियों का खराब धान भी पैसे लेकर खरीद लिया जाता है।
ढाला करने का सख्त निर्देश, कलेक्टर के निर्देश की अवहेलना !
कोरबी (हरदीबाज़ार) धान खरीदी केंद्र में बिना ढाला किए ही धान खरीदी किया जा रहा है जबकि जिला कलेक्टर का इसपर सख्त निर्देश है। प्रबंधक जिला कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना करने में लगे हुए हैं।

फड़ प्रभारी भर रहे जेब, किसानों को लगा रहे बट्टा!
जिले के कई केंद्रों में शासन द्वारा तय मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। भोले भाले किसानों से सूखती के नाम पर अधिक धान लेने का प्रचलन चला आ रहा है जिससे केंद्र प्रभारी तो अपनी जेब भरने में लगे है किसानों से जानकारी के अभाव में बट्टा मार जाते है।

शैलेन्द राठौर फड़ प्रभारी, धान खरीदी केंद्र कोरबी