ChhattisgarhJanjgir-Champa

जांजगीर-चांपा : छत्तीसगढ़ स्टील & पॉवर लिमिटेड (CSPL) अमझर के भू-विस्थापित कर्मचारी बैठे अनिश्चितकालीन धरने पर।

जांजगीर (समाचार मित्र) जांजगीर चांपा जिला स्थित छत्तीसगढ़ स्टील एवं पॉवर लिमिटेड ग्राम अमझर में कार्यरत कुछ स्थानीय भूमिस्वामी एवं मज़दूर किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए है। स्थानीय किसान प्लांट प्रबंधक के रवैए से काफ़ी परेशान है। स्थानीय किसान ग्राम अमझर स्थित पीपल वृक्ष के नीचे विगत 8 दिनों से धरने से बैठे हुए है। गांव की दर्जनों महिलाओं सहित किसान इस धरने के समर्थन में उतरे है।

कलेक्टर जनदर्शन में हुई शिकायत, जिला प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान।

छत्तीसगढ़ स्टील एवं पॉवर लिमिटेड के विरुद्ध स्थानीय किसानों एवं मजदूरों ने मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में 4 सूत्रीय मांगों को लेकर शिकायत की है। 

क्या है स्थानीय किसानों की 4 सूत्रीय मांगे ! 

1. भू-विस्थापित स्थानीय किसानों की पहली मांग है कि उनका वेतन बढ़ाया जाए। 2008 से कार्यरत मजदूरों को महज़ 10 से 12 हज़ार ही वेतन दिया जाता है जिसे बढ़ाकर 18 से 20 हज़ार किया जाए। 

2. स्थानीय भूमिस्वामी मजदूरों को 75 % मजदूर ठेकेदार के रूप में सप्लाई करने का काम पुनः दिया जाए। 

3. भू-विस्थापितों से भूमि रजिस्ट्री कराते समय अनुबंध किया गया था कि उन्हें नौकरी पर रखा जाएगा, परन्तु अभी कई परिवारों को नहीं रखा गया है। ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें काम प रखा जाए। 

4. जिस किसानों के जमीनों से इंटेकवेल पाइप लाइन जाती है उसके घर के सदस्य की मानसिक स्थिति खराब होने पर अन्य सदस्य को नौकरी पर रखा जाए।

इंटेकवेल बंद भूजल का कर रहे दोहन: उपसरपंच उच्चभिट्टी

भू-विस्थापित किसान ग्राम उच्चभिट्टी उपसरपंच नूतन पटेल ने बताया कि प्लांट में काफ़ी वर्षों से कार्यरत है उसके बाद भी मजदूरों को बहुत ही वेतन दिया जाता है। इंटेकवेल पाइप लाइन बिछाते समय भी किसानों से रोजगार का वादा किया गया था जिसे भी पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने ये कहा कि प्लांट में नदी से पानी सप्लाई बंद होने के बाद प्लांट का संचालन भू-जल से किया जा रहा है जिससे स्थानीय गांवों के जल स्रोत भी प्रभावित हो रहा है। ज्यादातर क्षेत्रीय लोग किसान है जो कृषि पर आश्रित है और प्लांट प्रबंधन भू-जल को अत्यधिक दोहन करके भू जल स्रोत को नष्ट का रहा है। 

कम वेतन पर करा रहे मजदूरी, परिवार का पालन पोषण मुश्किल : भू-विस्थापित किसान।

भू-विस्थापित किसान ग्राम अमझर निवासी जादूराम पटेल ने बताया कि प्लांट में वेतन वृद्धि को लेकर 2024 से प्रयासरत है उसके बाद भी प्लांट प्रबंधक वेतन नहीं बढ़ाते है। शुरुआत में ज्यादा वेतन नहीं देंगे पर बाद में वेतन बढ़ाएंगे कहकर आश्वासन दिया गया था परन्तु प्रबंधन द्वारा वेतन वृद्धि की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। बहुत ही कम वेतन में हमें परिवार का पालन पोषण करना पड़ता है। इसकी शिकायत भी जिला प्रशासन और प्लांट के प्रबंधन से कर चुके है पर की ध्यान नहीं देता। 4 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं करने पर हमारे द्वारा इंटेकवेल पाइप जाने का निजी जमीनों का रास्ता रोका गया है। 

भू-जल से अत्यधिक दोहन से उत्पन्न हो सकती है समस्या ! 

इंटेकवेल पाइप से नदी का पानी सप्लाई अभी फिलहाल प्लांट तक बंद है। स्थानीय किसानों के अनुसार प्लांट ने अभी ग्रामीणों के अनिश्चिकालीन धरने को देखते हुए 5 नए बोर और क्षेत्र के आस पास से भू-जल का दोहन करना शुरू किया है जिससे किसानों और स्थानीय लोगों को बाद में भू-जल की समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है। ज्यादातर किसान भू-जल से प्राप्त पानी से ही खेती किसानी करते है। इस गंभीर मामले को लेकर जिला प्रशासन भी सचेत नहीं है। 

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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