कलगामार में राशन वितरण में धांधली, निःशुल्क चावल के पैसे ऐंठने के साथ वजन में भी कर रहे हेराफेरी, ग्रामीणों ने लगाए कई आरोप, जानें खाद्य अधिकारी ने क्या कहा ?
कोरबा (समाचार मित्र) शासन स्तर से गरीबों को मुफ़्त मिलने वाला अनाज अगर गरीबों के पेट तक मुफ़्त में न पहुंच पाए तो इसमें किसका दोष है? राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही सरकारी भ्रष्ट अधिकारियों के रवैया खत्म होने के कयास लगाए जा रहे थे परन्तु ऐसा हो न सका और भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण संचालित सरकारी दुकानों में गरीबों का अनाज तक निःशुल्क नही पहुंच पा रहा है। जिला प्रशासन एवं खाद्य विभाग की लापरवाही का ताजा मामला विकासखण्ड करतला के ग्राम कलगामार का है जहां संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान में संचालक हितग्राहियों से अवैध राशि की उगाही कर रहे है। गरीबों को मिलने वाला निःशुल्क चावल उन्हे निःशुल्क देने के बजाए बेंचा जा रहा है। वही शक्कर की तय कीमत से 2 से 3 रूपये प्रति किलोग्राम ज्यादा कीमत वसूली जा रही है। हितग्राहियों से पैसे ऐंठकर हजारों रूपए वसूले जा रहे है। इस तरह के धांधली का आरोप ग्रामीणों तथा हितग्राहियों ने लगाया है। ग्राम कलगामार के हितग्राहियों ने बताया की शारदा महिला स्व सहायता समूह द्वारा राशन दुकान का संचालन किया जाता है जिसे महिलाओं के स्थान पर उनके पति संचालित करते है।
हितग्राहियों ने बताया की चावल वितरण में समूह के सदस्य और उनके पति धांधली करते है और जिस तराजू से तौलते है उसमें गड़बड़ी की शिकायत है। कई हितग्राहियों का आरोप है कि चावल के तौल में कांटा मारने का काम भी किया जाता है। दूसरे इलेक्ट्रिक तराजू से तौलते पर 200 से 3 किलो तक अंतर और वजन कम (वीडियो सुरक्षित) आता है। पूछताछ करने पर संचालकों द्वारा इलेक्ट्रोनिक कांटे के खराबी होने एक हवाला दिया गया।हितग्राहियों ने ये भी बताया की उनसे चावल लेने के लिए प्रति किलो रूपए का भुगतान किया है जो चावल शासन से निःशुल्क आया है। कलगामार और तराईमार में कुल 380 राशनकार्ड धारी हितग्राही है जिन्हे छलने और ठगने का काम दुकान संचालक कई माह से करते आ रहे है। सूत्रों की माने तो कई ज़िम्मेदार अधिकारियों के पास राशन में धांधली करने के लिए बकायदा हर महीने पैसा जाता है इसलिए भ्रष्ट राशन दुकान संचालकों के हौसले बुलंद है। कार्यवाही के अभाव में ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से गरीबों को निःशुल्क चावल नही मिल पा रहा है। कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति कर छोड़ देते है।
चंद्रभान सिंह राठिया उपसरपंच ने भी पाया शिकायत सही।
ग्राम पंचायत कलगामार के उपसरपंच चंद्रभान सिंह राठिया ने मौके पर पहुंचकर खुद निरीक्षण किया तब हितग्राहियों की सभी शिकायत को सही पाया। उन्होंने हितग्राहियों से शासन से तय कीमत से ज्यादा राशि वसूलने को गलत बताया। साथ कई बार समूह को चेतावनी के बाद भी नही सुधरने की बात कही। वही नाप तौल में भी धांधली को रंगे हाथों पकड़ा है। उनका कहना है की वजन में 150 से 200 ग्राम तक अंतर रहता है।

ग्राम कलगामार निवासी ग्रामीण कवल सिंह ने बताया की उनसे 20 किलो चावल और एक किलो शक्कर के एवज में 40 रुपए लिए गए है। साथ ही इस माह का चना नही मिलने की बात कही।
ग्राम तराईमार निवासी शिवराज राठिया ने बताया कि उन्हें 35 किलो चावल और एक किलो शक्कर दिया गया है जिसके बदले में 40 रुपए लिया गया है। कारण पूछने पर निःशुल्क चावल ऊपर से नही आना बताया जाता है।
खाद्य अधिकारी श्रीमति उर्मिला गुप्ता ने इस मामले में कहा है कि वो मामले की जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे।