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ब्रेकिंग न्यूज : पहरीपारा में आबकारी टीम के साथ हुए झड़प के बाद एक ग्रामीण की मौत, मचा बवाल, ग्रामीण पहुंचे उरगा थाना, कार्यवाही की मांग !

कोरबा/उरगा (समाचार मित्र) “आबकारी की कार्रवाई या वसूली का खेल? उरगा में झड़प के बाद एक ग्रामीण की मौत होने की ख़बर ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। उरगा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पहरीपारा में हुए आबकारी विभाग की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। अवगत हो कि बीते दिनों ग्रामीणों ने आबकारी विभाग की टीम जिसका नेतृत्व आबकारी उपनिरीक्षक नारायण सिंह कंवर कर रहे थे पहरीपारा पहुंचे जहां मुखबिर और वाहन चालक के सहित पूरे आबकारी टीम को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर रखा और मुखबिरी और अवैध वसूली के आरोप में जोरदार पिटाई कर दी। मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि एक और घटना उस गांव में हो गया। एक ग्रामीण की मौत के बाद पूरा गांव उबल रहा है। उरगा थाना क्षेत्र के भैसमा गांव के पहरी पारा में शुक्रवार दोपहर आबकारी विभाग के कर्मचारी गांव पहुंचे लेकिन कार्रवाई के नाम पर जो हुआ, उसने सिस्टम की पोल खोल दी। ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी विभाग के साथ काम करने वाले मुखबिर और ड्राइवर गांव में अवैध वसूली करने आते थे।

खुद को एसपी/पुलिस का आदमी बताकर लोगों को डराया जाता था। इसी दौरान आबकारी कर्मचारियों और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई। देखते ही देखते माहौल हिंसक हो गया और इसी घटनाक्रम में गांव के ही नंदलाल नागशिया की मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि भतीजे के साथ हो रही मारपीट देखकर वे गहरे मानसिक तनाव में आ गए और रात करीब साढ़े आठ बजे उनकी जान चली गई।

मारपीट करने वाले ग्रामीण ने मुखबिर और वाहन चालक पर कराया अपराध दर्ज !

ग्राम पहरीपारा निवासी दुर्गेश कुमार नगेसिया ने आबकारी विभाग की टीम में मौजूद मुखबिर मनोज देवांगन और वाहन चालक प्रमोद देवांगन के खिलाफ मारपीट, गाली गलौच और धमकी देने से संबंधित प्रथम सूचना पत्र (FIR) थाना उरगा में दर्ज कराया है।

ग्रामीण पहुंचे उरगा थाना, कार्यवाही की मांग !

महिलाओं और ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में उरगा थाना पहुंचकर हंगामा किया। ग्रामीणों की एक ही मांग है कि मुखबिर प्रमोद देवांगन एवं मनोज देवांगन उनके साथ शामिल ड्राइवर पर तुरंत एफआईआर दर्ज हो। सवाल ये है कि क्या आबकारी विभाग के संरक्षण में वसूली का खेल चल रहा था? आबकारी विभाग के अधिकारी की संलिप्तता भी संदेह के घेरों में है। अब देखना होगा कि जांच सिर्फ कागजों में सिमट जाएगा या वास्तविक दोषियों पर सच में कार्रवाई होगी।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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