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नर्सिंग कॉलेज कोरबा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन, कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न की दी गई कानूनी जानकारी।

कोरबा (समाचार मित्र) दिनांक 05 मई 2024 को जी.एन.एम. इंस्टीट्यूट एण्ड हॉस्टल कोरबा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा छात्राओं को विधिक जानकारी दिये जाने के प्रयोजनार्थ विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, मुख्य अतिथि माननीय श्री सत्येन्द्र कुमार साहू, जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि आप जो नर्सिंग का कार्य कर रहे है वे बहुत ही सामाजिक कार्य की तरह है, मदर टेरेसा भी एक नर्स के रूप में कार्य कर पूरे विश्व में अपनी पहचान मानवता की सेवा करके बनाई थी। जिसे कौन नहीं जानता है। नर्स का काम बहुत ही जिम्मेदारी का कार्य होता है, इसलिये आपको छोटे-मोटे आपके फील्ड से जुडे़ कानून की जानकारी के साथ-साथ अन्य कानूनी जानकारी को जानना बहुत ही आवश्यक होता है। ज्ञान जितना अधिक होगा आप उतने अधिक मजबूत होंगे। आपातकालीन स्थिति में आपको धैर्य के साथ-साथ भविष्य में होने वाले परिणाम को देखते हुये अपना कर्तव्य का निर्वहन सावधानीपूर्वक करना चाहिये। उनके द्वारा पी.एन.डी.टी.एक्ट के संबंध में संक्षिप्त जानकारी दी गई। कामकाजी महिलाओं के लिये एक पृथक से कानून बनाया गया है कार्यस्थल पर किसी प्रकार की यौन उत्पीड़न होने की स्थिति में आपको चुप नहीं रहना है इसकी शिकायत कमेटी में जाकर कर सकते है। श्रीमती गरिमा शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि आपका नर्सिग संबंधी जो कोर्स कर रहे है यह बहुत ही जिम्मेदारी का कार्य है, इसमें लापरवाही नहीं होना चाहिये, कभी किसी भी प्रकार की अनजाने में गलती हो जाती है तो अपनी बात रखने की हिम्मत होनी चाहिये। अपने ड्यूटी में कभी भी लापरवाही होने नहीं दे, अपने पर आत्मविश्वास रखना चाहिये। एम.व्ही. एक्ट की जानकारी देते हुये बताया गया कि प्रत्येक वाहन का आर.सी.बुक, वाहन का बीमा तथा वाहन चलाने वाले के पास वैध लायसेंस होना आवश्यक है। इनमें से किसी भी एक वस्तु नहीं होने की स्थिति में यदि जाने अनजाने में दुर्घटना उक्त वाहन से हो जाती है, तो हमें सामने वाले को हुई दुर्घटना के अनुसार क्षतिपूर्ति देना होता है। गंभीर घटना या मृत्यु कारित होने पर हमें बहुत ही अधिक क्षतिपूर्ति देना पड़ सकता है। इसलिये गाड़ी को वैध दस्तावेज के साथ ही चलाये। इसकी जानकारी आपके आस-पास के लोगों भी दें। सायबर कानून की जानकारी देते हुये कहा गया कि हमें कोई भी मैसेज को बिना सोचे समझे फारवर्ड नहीं करें, किसी भी मैसेज फारवर्ड करने से किसी भी जाति, समुदाय को बुरा लगा तो मैसेज करने वाला सजा के पात्र होगा। इसी तरह फेसबुक, इस्टाग्राम में कोई मैसेज किया और आप लाईक बटन प्रेस कर देते हुये और उक्त मैसेज से दंगा भड़क गया या किसी की भावना को ठेस पहुुंच गई तो कानून के दायरे में आ सकते है। इसलिये मोबाई को उपयोग सतर्कता से करें। कु. डिम्पल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बताया गया कि आपको निःशुल्क विधिक सलाह/विधिक सहायता तहसील स्तर पर तालुका विधिक सेवा समिति, जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य स्तर पर छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है। जरूरतमंद व्यक्ति, महिला, बच्चे, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आपदा पीड़ित, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य जिसकी आय डेढ़ लाख रूपये से कम है को प्रत्येक स्तर पर निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान किया जाता है। उक्त अवसर प्रभारी प्राचार्य सुझा जॉन पीएलव्ही अहमद खान, गोपाल चन्द्रा एवं सतीश यादव उपस्थित थे। अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा सरल कानूनी शिक्षा का बुक एवं विधिक योजनाओं से संबंधित पाम्पलेट का वितरण किया गया।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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