SECL भू-विस्थापितों के समस्याओं का नही हुआ समाधान, प्रबंधन के नाकाम होने पर 26 से खदान बंद हड़ताल करने की तैयारी में!
कोरबा (समाचार मित्र) एसईसीएल बुडबुड सराइपाली खदान के भूविस्थापित समस्याओं का निराकरण नहीं होने से 26 सितंबर को खदान बंद हड़ताल करने की नोटिस प्रबंधन को दिए है । क्षेत्रीय खान प्रबंधक कार्यालय में नोटिस के सम्बंध 25 सितम्बर को बैठक आयोजित की गई । प्रबंधन के द्वारा ढुल-मुल रवैया एवं निराकरण करने में सक्षम नहीं होने की बात कहने पर वार्ता विफल हो गई एवं 26 सितंबर को हड़ताल में जाने के लिए ग्रामीण बाध्य हो गए ।
एसईसीएल बुडबुड सराइपाली खदान क्षेत्र के भूविस्थापित अपनी विभिन्न मांगों के लिए कई वर्षों से संघर्षरत हैं । जिसमें ग्राम बुडबुड , तालापार , राहाडीह , केराझरिया , करतली , दमिया , ढूकुपथरा , सरायपाली , पुटा डोंगानाला गांव के ग्रामीण सम्मलित है । ग्रामीणों ने अपनी मांगों के संबंध में प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए निराकरण करने का निवेदन किया था । निराकरण नहीं करने पर 26 सितंबर को खदान बंद हड़ताल करने की नोटिस दी थी । इसके संबंध में प्रबंधन के द्वारा दिनांक 25 सितंबर को बैठक आयोजित की गई बैठक में वार्ता विफल होने से ग्रामीण 26 सितंबर को खदान बंद करने के लिए बाध्य हो गए । ग्रामीणों ने मांग की थी बुडबुड , राहाडीह का अर्जन एल ए एक्ट के तहत 2005 में शुरू किया गया था । अवार्ड के अनुसार भूविस्थापितों को मध्य प्रदेश पुनर्वास नीति 1991 यथा संशोधित 1995 के तहत रोजगार देना था । जिसके लिए वर्ष 2011 में जिलाधीश महोदय रजत कुमार , अनुविभागीय अधिकारी राजस्व , एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के सभी वरिष्ठ अधिकारी , क्षेत्रीय पंचायत प्रतिनिधी एवं 400 ग्रामीणों के मध्य बैठक हुई । जिसमें मध्यप्रदेश पुनर्वास नीति 1991 यथा संशोधित 1995 के तहत रोजगार देने हेतु सहमति बनी थी , लेकिन प्रबंधन के अधिकारी इस निर्णय पर अमल न करते हुए बगैर ग्रामीणों के सहमति एवं जानकारी के कोल इंडिया पॉलिसी 2012 के तहत रोजगार की सूची जारी कर रोजगार देना प्रारंभ कर दिया गया । ग्रामीणों ने इस पर लिखित में आपत्ति दर्ज कराई थी । शुरू में प्रबंधन के अधिकारी भूविस्थापितो को रोजगार की पात्रता प्रमाण पत्र प्रदान कर , रोजगार नामांकन पत्र लेकर रोजगार प्रक्रिया को आगे बढ़ाया । उन्हें बाद में अपात्र बताते हुए रोजगार से वंचित कर दिया गया है । इसी तरह ग्राम करताली का अंबिका परियोजना हेतु अर्जन किया गया है । ग्रामीण कोल इंडिया पॉलिसी 2012 के स्थान पर छत्तीसगढ़ राज्य की पुनर्वास निति के तहत रोजगार का लाभ चाहते हैं । जिसके लिए कई बार एरिया एवं मुख्यालय स्तर पर आवेदन कर चुके हैं । प्रबंधन के अधिकारी आवदेन के संबंध में कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं । आवेदन के संबंध में जानकारी भी नहीं दी जा रही है । खदान में क्षेत्रीय बेरोजगार युवकों को आउटसोर्सिंग कंपनी में कार्य पर रखा गया है । जिसमें ज्यादातर लोगों के साथ शोषण किया जा रहा है । महीने में 26 कार्य देने के बजाय ड्राइवर को केवल 9 –10 दिन कार्य कार्य पर रखा जा जा रहा है , एवं एचपीसी रेट प्रदान नहीं किया जा रहा है । मजदूरों को सुरक्षा एवं मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जिसके कारण भूविस्थापित परेशान थे । उक्त समस्याओं का निराकरण नहीं करने से आंदोलन की स्थिति निर्मित हुई है । सभी ग्रामों के ग्रामिण 26 सितंबर को खदान बंद हड़ताल करेंगे ।