KorbaKartala

NSS कैंप में चला मुर्गा मटन, स्वयंसेवकों को भेजा मुर्गा लेने, कैंप में दुर्घटना में घायल छात्र की भी नही की मदद, कई गंभीर आरोपों में घिरे प्रभारी प्राचार्य की जिला कलेक्टर से हुई शिकायत ।

निमेश कुमार राठौर (चीफ़ एडिटर)

कोरबा (समाचार मित्र) युवाओं को सही दिशा दिखाने वाले राष्ट्रीय सेवा योजना कैंप में बिना महिला शिक्षक के बालिकाओं को लेकर कार्यक्रम अधिकारी बनकर स्वयं गए प्रभारी प्राचार्य मामला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपुर की है। कैंप के दौरान मोटर सायकल से घर आता छात्र गिरकर गंभीर रूप से घायल करतला विकासखंड अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला रामपुर के प्रभारी प्राचार्य के गलत रवैए और गैर जिम्मेदाराना कार्य करने के कारण यहां अव्यवस्था का आलम व्याप्त है। मामले में ग्रामवासियों ने सरपंच सहित जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की है। गौरतलब हो कि इस सत्र के एनएसएस कैंप में सबंधित विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य छात्र और छात्राओं को स्वयं कार्यक्रम अधिकारी बनकर लेकर गए थे एक मालवाहक पिकप में छात्र छात्रा को ले गए थे जो सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर लापरवाही है चूंकि कैंप आवासीय था किंतु सबंधित प्रभारी प्राचार्य द्वारा बिना किसी महिला शिक्षिका के बालिकाओं को कैंप में ले जाने का दु:साहस करना लोकसेवक के कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही है महिला सुरक्षा की दृष्टि से भी यह कृत्य अक्षम्य है। पूरे आवासीय कैंप के दौरान सात दिवस तक केवल प्रभारी प्राचार्य द्वारा एक व्यक्ति के भरोसे उपस्थिति सवाल खड़ा करती है प्रतिभागी छात्र/छात्रा कैंप स्थल से घर आना जाना कर रहे थे स्वयं प्रभारी प्राचार्य नाबालिक छात्रों को कुछ समाग्री लेने ले जाने हेतु मोटर सायकल से भेजा था शिक्षा के मंदिर को तार तार करते हुए आवासीय कैंप में मुर्गा मटन बनाया गया जिससे जिस ग्राम में शिविर लगा वहां समाज में नकारात्मक संदेश प्रसारित हुआ। कभी मुर्गा का मसाला पिसवाने तो कभी कुछ और कार्य हेतु बालकों को भेजा जा रहा था इसी दौरान 20 जनवरी 2024 को एक छात्र पीयूष साहू का रात्रि 8 बजे मोटर सायकल से गिर कर कंधे की की हड्डी टूट गई और कई दिन तक आईसीयू में भर्ती रहा चूंकि पियूष साहू का परिवार अत्यंत गरीब परिवार से है । पीयूष साहू के परिजन द्वारा सम्पूर्ण घटना क्रम की जानकारी पंचायत को दी गई तब पंचायत के सामने संबंधित प्राचार्य द्वारा अपनी गलती मानकर माफी मांग गया था तथा घायल छात्र को आर्थिक सहायता के रूप में 30000 सहयोग करने का आश्वासन दिया गया किंतु बाद में उससे मुकर कर संवेदनहीनता का परिचय देते हुए आज तक उसे देखने भी नही गए। सम्पूर्ण मामले में न्याय हेतु घायल छात्र के परिजन द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कलेक्टर से दोषी प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ विभागीय जांच कर न्याय की मांग की गई है । शिकायतकर्ता एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग है कि प्राचार्य की गलत कार्य शैली से विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है विद्यालय के स्टाफ साथ समन्वय नही है अतएव इन्हे प्रभारी प्राचार्य से हटाकर, मामले की जांच कर कार्यवाही करते हुए व्यवस्था सुधार करना चाहिए।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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