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KORBA: लूट सको तो लूट लो, रेत निकालने की मिली खुली छूट, शासन प्रशासन का मिल रहा संरक्षण, अधिकारी लगा रहे सरकार को करोड़ों रूपए राजस्व का चूना !

कोरबा (समाचार मित्र) कोरबा जिले में प्रशासनिक व्यवस्था इतनी लचर और भ्रष्ट हो चुकी है की रेत का अवैध उत्खनन रुकने का नाम ही नही ले रहा है। जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण गौण खनिज का दोहन किया जा रहा है। रेत के माफिया अवैध उत्खनन का कार्य जिला प्रशासन के आला अधिकारी एवं खनिज विभाग के संरक्षण से ही चल रहा है। रेत का अवैध कारोबार जिले में जमकर फल फूल रहा है। अवैध रेत निकासी से अधिकारियों के जेब जरूर फूलने लगे है लेकिन सरकार की जेब खाली है क्योंकि बिना रॉयल्टी के प्रतिदिन जिले में हजारों ट्रैक्टर का अवैध परिवहन हो रहा है जिससे शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है वही पर्यावरण को क्षति भी स्वाभाविक है।

हसदेव नदी में बने अवैध निकासी के कई घाट!

जिले का प्राणदायक और करोड़ों का राजस्व देयक नदी हसदेव कई वर्षो से अवैध उत्खनन की मार झेल रहा है। अवैध रेत निकासी के लिए कई रेत घाट बनाए गये है। जिसमें कोरबा जिला मुख्यालय सितामणी, तरदा, चोरभट्ठी, उमरेली, देवलापाठ, चिचोली, भैंसामुड़ा सहित कई अन्य गांव सामिल है। इन घाटों पर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर अवैध रेत परिवहन हो रहा है जो खनिज नाका उरगा से भी रोज पार होते है। इस रेत घाटों से प्रतिदिन हजारों ट्रैक्टरों की रेत चोरी हो रही है जिसे जिला प्रशासन की मौन स्वीकृति है।

रॉयल्टी चोरी से करोड़ों का राजस्व नुकसान!

राज्य शासन को प्राप्त राजस्व में से गौण खनिज एक महत्वपूर्ण आय है जिससे ज़िले में विकास कार्य होते है। कोयले में अफरा तफरी तो जिले में हो रही थी अब रेत की खुलेआम चोरी को भी जिला प्रशासन नही रोक पा रहा है। ट्रैक्टर चालकों की मानें तो हर विभाग में महीना पैसा जा रहा है जिससे उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। जिला के आला अधिकारी अपनी जेब भरने में लगे है जबकि राज्य शासन का राजस्व नुकसान हो रहा है। खनिज विभाग के अधिकारी भी दो चार कार्यवाही करके वाहवाही लूट लेते है।

बिना लाइसेंस और बीमा के दौड़ रहे ट्रैक्टर सड़कों पर !

चोरी का रेत मौत बनकर सड़कों पर दौड़ रहा है। प्रतिदिन मुख्य मार्गो पर बेलगाम गाड़ियां बिना बीमा और लायसेंस सड़कों पर चल रही है। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। अवैध परिवहन पर रोक लगाने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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