Breaking News : पहलगांव हमले के मुख्य आरोपियों तक पहुंची भारतीय सेना, गोलीबारी में मारें जाने की ख़बर !

देश (समाचार मित्र) जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर के चर्चा से पहले हंगामा हो रहा था, तब श्रीनगर के लिडवास में सुरक्षा बल ऑपरेशन महादेव को अंजाम दे रहे थे। सोमवार सुबह संदिग्ध बातचीत के आधार पर सुरक्षा बलों टीआरएफ के आतंकियों को घेरा।
लोकसभा को विपक्ष के हंगामे के बाद दो बजे तक के लिए स्थगित किया गया था, तभी पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा समेत 3 आतंकियों के मारे जाने खबर आई। आतंकी मूसा ने 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर पहलगाम के बैसरन में टूरिस्टों पर हमले को अंजाम दिया था। ऑपरेशन महादेव में दो आतंकियों के घायल होने की खबर भी है। जानकारी के मुताबिक, ड्रोन से ली गई तस्वीरों में आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर।
भारतीय सेना ने कश्मीर में छिपे आतंकियों को पहलगाम हमले के 96 दिन बाद ढेर कर दिया। 22 अप्रैल को जब कश्मीर के बैसरन में 26 टूरिस्टों की हत्या कर दी थी। खुशहाली की बढ़ रहे कश्मीर में इस हमले से आक्रोश पूरे देश में देखा गया। एनआईए की जांच में पता चला कि पाकिस्तान में बैठे लश्कर ए तैयबा ने इस हमले की साजिश रची थी। भारत सरकार ने 6-7 मई की रात आतंकवादियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। भारतीय सशस्त्र सेना ने पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकाने ध्वस्त किए। 100 आतंकी मारे गए। युद्ध का ऐलान तो नहीं हुआ मगर दोनों तरफ से ड्रोन और मिसाइल से हमले हुए। पहलगाम हमले के जवाब में भारत के सुनियोजित सैन्य जवाब से पाकिस्तान घुटनों पर आया।
विपक्ष का एक ही सवाल, कहां हैं आतंकी?
भारत की कार्रवाई से पूरी दुनिया में खलबली मची। चार दिन बाद युद्धविराम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्रेडिट लूटने की कोशिश की। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ। सेना की साहस की तारीफ करने वाली राजनीतिक दलों ने सरकार को कश्मीर में इंटेलिजेंस फेल्योर के लिए घेरा। जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने इसके लिए इसके लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर को जिम्मेदार बता दिया। दूसरी ओर, कांग्रेस-टीएमसी समेत विपक्ष पिछले तीन महीने से एक सवाल पूछ रहे थे कि आखिर पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकी कहां छिपे हैं?