Big Breaking: ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका, जारी रहेगा ASI का सर्वे ।
नई दिल्ली: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में एक ओर आज शुक्रवार को एएसआई का सर्वे फिर से शुरू हो गया है तो दूसरी ओर आज ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले सर्वे जारी रखने की इजाजत दे दी है. सर्वोच्च अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से हाई कोर्ट के फैसले पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया और कहा कि इस स्टेज पर वह हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा दी गई सर्वे की मंजूरी के खिलाफ सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था.सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि एएसआई ने सर्वे में किसी भी स्थान पर नुकसान ना पहुंचने का आश्वासन दिया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि हाई कोर्ट ने सर्वे की बात कही है, सर्वे से तो साक्ष्य ही सामने आएंगे. ये तो आपके मामले में काम आएगा, इसमें आप हमारा अयोध्या वाला फैसला ही देख लीजिए. हर एक प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी जा सकती है.
सर्वे दोनों पक्षों के लिए सबूत होगाः SC
मुस्लिम पक्ष की ओर से जब आपत्ति जताई गई तब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम एसजी का बयान ले लेते हैं. जिस पर एसजी ने बयान दिया कि एएसआई अपना सर्वे करता रहेगा, कोई भी खुदाई अदालत के आदेश के बिना नहीं होगी. जीपीआर सर्वे में एक्सपर्ट्स की मौजूदगी होगी, जबकि वीडियोग्राफी भी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे सिर्फ एक दस्तावेज नहीं होगा, बल्कि दोनों पक्ष के लिए अहम सबूत होगा.सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील हुजैफा ने कहा कि मस्जिद में फव्वारा के क्षेत्र को संरक्षित करने का आदेश आपने दिया था. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमें याद है. हाई कोर्ट ने एएसआई का आश्वासन दर्ज कर रखा है. अब क्या परेशानी है, एएसआई ने कहा है कि कोई नुकसान नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम एएसआई सर्वे के हाई कोर्ट के आदेश में इस स्टेज पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
हर प्रक्रिया को चुनौती नहीं दे सकतेः SCमुस्लिम पक्ष की ओर से अहमदी ने कहा कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का मामला प्रभावित होगा. कोर्ट ने इस पर सवाल किया कि आपने यह प्वाइंट हाई कोर्ट में नहीं उठाया था. कोर्ट ने कहा कि interlocotry order है जिसमें सर्वे कराने को कहा गया है. इससे तो साक्ष्य ही सामने आएंगे और आपके ही मामले में यह काम आएगा.सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आप हमारा अयोध्या वाला फैसला देख लीजिए. सर्वे का महत्व है जो साक्ष्य के लिए है. राम मंदिर मामले में उस पर चर्चा हुई थी. हर एक प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी जा सकती.सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हर मामले को आपको इतनी बड़ी बहस में क्यों उठाना है. हमें इस स्तर पर हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए. हम मुकदमे में साक्ष्य, स्वीकार्यता आदि के सभी मुद्दों को रखेंगे. आदेश 7 नियम 11 के तहत इस अदालत के समक्ष आपकी सुनवाई होगी.