कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे के बीच केंद्र सरकार ने की उच्चस्तरीय बैठक; राज्यों को दी यह हिदायत।
नई दिल्ली (समाचार मित्र) दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के नए स्वरूपों (वैरिएंट) का पता चलने के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान केंद्र ने राज्यों से वायरस के नमूनों का संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने को कहा।
केंद्र ने राज्यों से नए वैरिएंट पर करीबी नजर रखने को भी कहा है।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने कहा कि देश में कोविड की स्थिति स्थिर बनी हुई है। सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियां तैयार हैं, लेकिन राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों पर नजर रखनी होगी। उन्होंने जीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाने और नए स्वरूपों पर कड़ी नजर रखते हुए कोरोना की जांच के लिए पर्याप्त नमूने भेजने पर भी जोर दिया।
कोरोना की वैश्विक स्थिति पर रिपोर्ट पेश की
स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कोरोना की वैश्विक स्थिति पर रिपोर्ट पेश की। इसमें सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूपों का जिक्र किया गया। वायरस के नए स्वरूपों में बीए.2.86 (पिरोला) और ईजी.5 (एरिस) शामिल हैं। यह दुनिया के कई हिस्सों में सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार एरिस 50 से अधिक देशों में सामने आया है] जबकि पिरोला चार देशों में मिला है।
दुनिया में बीते सात दिन तें 2,96,219 केस आए
बता दें कि पिछले सात दिन में वैश्विक स्तर पर कोरोना के कुल 2,96,219 नए मामले सामने आए हैं। भारत में इस दौरान केवल 223 नए मामले सामने आए। उच्च स्तरीय बैठक वैश्विक और राष्ट्रीय कोविड स्थिति, नए स्वरूपों और लोगों के स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई थी।