1 जुलाई हो लागू होने वाले 3 नए कानूनों के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, कानूनों में बदलाव को लेकर की गई विस्तृत चर्चा ।
कोरबा (समाचार मित्र) छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक ऐकेडेमी बिलासपुर के निर्देशानुसार लोक अभियोजक, अभियोजन अधिकारी, अधिवक्तागण एवं रिसोर्स पर्सन के रूप में न्यायाधीशगण को शामिल करते हुये नवीन कानूनों के संबंध कार्यशाला का आयोजन किये जाने के निर्देश दिये गये थे। उक्त निर्देश के परिपालन में माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन कोरबा के संयुक्त तत्वाधान में नवीन कानूनों के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का दिनांक 30 जून 2024 को कलेक्ट्रेड आॅडिटोरियम कोरबा(छ0ग0) में जिला न्यायालय कोरबा के न्यायाधीशगण, जिला प्रशासन एव ं पुलिस विभाग के अधिकारी एवं वरिष्ठ अधिवक्तागणों की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया।
श्री सत्येन्द्र कुमार साहू, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोरबा के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि एक निरक्षर व्यक्ति से यह उम्मीद नहीं कर सकते है कि वह कानून को जानता है, जब पढ़ लेता है तो वह थोड़ा बहुत कानून को जानने लगता है। हमारा शिक्षा पद्धति ऐसी है कि यहाॅं पढ़े लिखे व्यक्ति भी कानून के जानकारी में अक्सर शून्य होता है। यहाॅं पढ़े लिखे व्यक्ति भी कानून को नहीं जान पाता है, पढे लिखे होने के बावजूद भी वह लीगल रूप से जागरूक नहीं है। उन्हें विधिक जागरूकता की आवश्यकता होती है। जागरूकता के अभाव में कोई घटना घटित होती है तो कोई व्यक्ति गवाह नहीं बनना चाहता है, यदि गवाह बन भी जाता है तो न्यायलयीन प्रक्रिया में आते-आते वे न्यायालय में अपने गवाही से मुखर जाता है, जिसका परिणाम क्या होता आप सभी जानते ही है। इन्हीं सभी हथकंडों एवं परिस्थिति को रोखने के लिये 01 जुलाई 2024 से नये कानून लागू किया जा रहा है। नये कानून में समय की बाध्यता है, सभी को टाईम लिमिट कर दिया गया है। जिससे पक्षकारों के प्रकरण समय सीमा में निराकृत होगा।
अधिवक्ता न्यायालय के अधिकारी होते है, अधिवक्ता का न्यायदान में महत्वपूर्ण सहयोग होता है। अधिकांश अधिवक्ता न्यायालय को सपोर्ट करते है, इन्हें यू ही नोबल प्रोपेशन नहीं कहते है। इसकी गहराई में जायेगें तो आपको पता चलेगा कि आज वकील साहब एक जज के सामने प्रतिपरीक्षण में गवाह से पूछते है कि वकील साहब अपने मन में योजना बनाकर चलते है कि भविष्य में गवाह से मैं प्रश्न प्रस्तावित कर रहा हूंू, गवाह से गवाही ले रहा हॅंू उसका भविष्य में क्या असर होगा। जैसे नींव से मकान बनाने वाले आर्टिटेक कल्पना कर लेता है कि मकान कैसे बनेगा एैसे ही एक अधिवक्ता भविष्य को देखते हुये अपना डिफंेस सेट करता है ।
उक्त कार्यक्रम में श्री अजीत वसंत, कलेक्टर, श्री सिद्धार्थ तिवारी, पुलिस अधीक्षक, श्रीमती ज्योति अग्रवाल, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, (एफ.टी.सी.) कोरबा, सीमा प्रताप चन्द्रा, मुख्य न्यायिक मजि0 कोरबा, श्रीमती प्रतिक्षा अग्रवाल, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी, श्रीमती ऋचा यादव, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी, श्री गणेश कुलदीप, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ कोरबा, श्री नूतन सिंह ठाकुर, सचिव, जिला अधिवक्ता संघ कोरबा एवं अन्य वरिष्ठ अधिवक्तागण उपस्थित थे।