
नई दिल्ली (समाचार मित्र) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसले में कहा कि अगर किसी को गलत तरीके से लंबे समय तक जेल में रखा जाता है, तो उसे मुआवजा देने के लिए एक कानून बनाने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि इस पहलू पर फैसला लेना संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है. जानिए कोर्ट ने इस अहम फैसले में क्या कहा…
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि अमेरिका के विपरीत, भारत में गलत तरीके से कैद किए गए लोगों को मुआवज़ा देने के लिए क़ानूनों का अभाव है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी लंबे समय से गलत तरीके से कैद किए गए मौत की सज़ा पाए दोषी को बरी करते हुए 15 जुलाई को दिए फैसले में कहा है.जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि अमेरिका के विपरीत, भारत में गलत तरीके से कैद किए गए लोगों को मुआवज़ा देने के लिए क़ानूनों का अभाव है. जस्टिस करोल द्वारा लिखे गए फैसले में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विदेशी न्यायक्षेत्रों में, लंबी अवधि की कैद के बाद बरी होने पर अदालतों ने राज्यों को उन लोगों को मुआवज़ा देने का निर्देश दिया है जो सलाखों के पीछे कष्ट सह रहे थे, लेकिन अंततः निर्दोष पाए गए.