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छात्रावास निर्माण में भ्रष्टाचार, बिना सूचना बोर्ड लगाए काम शुरू, ठेकेदार पर उठ रहे सवाल।

कोरबा (समाचार मित्र) जिले में भरी बरसात में शासकीय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। अब ग्रामीणों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रहे है। बरसात में रेत भी साफ सुथरा नहीं मिल रहा है उसके बाद भी भवन निर्माण की इतनी जल्दबाजी है ठेकेदार को की बरसात में काम धड़ल्ले से चल रहा है। कार्य जल्दी पूरा करने के चक्कर में भवनों की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है।

ग्राम पंचायत फरसवानी में बन रहे नए हॉस्टल भवन में ठेकेदार की लापरवाही।

फरसवानी में बन रहे लाखों रुपए की लागत से नए छात्रावास भवन में ठेकेदार की मनमानी से निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे है।

विभागीय इंजिनियर नहीं करते निगरानी।

छात्रावास भवन निर्माण को देख रहे है विभागीय इंजिनियर भी क्षेत्र में जांच करने नहीं आते जिसके चलते ठेकेदार अपनी मनमानी करते है। निर्माण एजेंसी ने एक बार आकर नहीं देख कि सूचना बोर्ड लगाए गया है या नहीं।

बिना सूचना बोर्ड लगाए, निर्माण कार्य शुरू ।

छात्रावास भवन निर्माण का कार्य शुरू हुए 3 माह बीत गए परन्तु ठेकेदार ने आज पर्यंत तक सूचना बोर्ड तक नहीं लगाया ताकि ग्रामीणों को कार्य की लागत स्वीकृति आदि का पता चल सके। ठेकेदार ने बिना सूचना बोर्ड लगाए ही कार्य प्रारंभ कर दिया जिससे ठेकेदार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे है।

छात्रावास पहले से मौजूद, वहां नहीं रहते बच्चे, फिर और छात्रावास की क्यों पड़ी जरूरत ?

हैरानी की बात है कि पहले से मौजूद छात्रावास में ही पर्याप्त व्यवस्था होने के बाद भी बाहरी बच्चे नहीं रहते उसके बाद भी नए छात्रावास भवन की जरूरत क्यों पड़ गई? जबकि वर्तमान छात्रावास में बच्चे ज्यादा संख्या में रहते ही नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि शासन ने लाखों रुपए बहाकर छात्रावास का निर्माण करा रहा है उसके स्थान पर शिक्षा से ही संबंधित अन्य भवन या अन्य सदुपयोगी भवन बनाने पर जोर देना चाहिए था जिससे शासकीय राशि का दुरूपयोग रुके। गांव स्तर पर बिना छानबीन और जनप्रतिनिधियों से सलाह लिए ही शासन ने अपने स्तर पर भवन की स्वीकृत प्रदान कर दी जबकि भविष्य में यह छात्रावास ज्यादा उपयोग में नहीं आयेगा।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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