
कोरबा (समाचार मित्र) कलेक्टर अजीत वसंत ने आज शुक्रवार को जिले के पत्रकारों की प्रेस वार्ता ली। प्रेस वार्ता में कलेक्टर ने बताया कि, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन वर्ष 2000 में कोरबा जिले में मात्र चार तहसीलें कोरबा, करतला, कटघोरा और पाली ही हुआ करती थीं।
उस समय सीमित प्रशासनिक ढांचे के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपने राजस्व प्रकरणों के समाधान के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। प्रकरणों की अधिकता और सीमित संसाधनों के कारण न्याय मिलने में भी देरी होती थी।बीते 25 वर्षों की विकास यात्रा में कोरबा जिले ने प्रशासनिक विस्तार और जनता की सुविधा की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। बढ़ती जनसंख्या और ग्रामीण अंचलों की जरूरतों को देखते हुए राज्य सरकार ने लगातार नई तहसीलों का गठन किया। आज जिले में कुल 12 तहसीलें कार्यरत हैं –
कोरबा, करतला, कटघोरा, पाली, पोड़ीउपरोड़ा, अजगरबहार, भैसमा, बरपाली, दर्री, दीपका, हरदीबाजार और पसान।
विगत वर्षों में बनी नई तहसीलों ने राजस्व सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।
नई तहसीलों के गठन से न केवल ग्रामीणों की प्रशासनिक पहुंच आसान हुई, बल्कि राजस्व मामलों के निपटारे में भी तेजी और पारदर्शिता आई है। कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा राजस्व के लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए न सिर्फ हर 15 दिनों में राजस्व अधिकारियों की बैठक ली जाती है, प्रकरणों का समय पर निराकरण सुनिश्चित हो सके, इस दिशा में वे समीक्षा करते हुए राजस्व अधिकारियों द्वारा की जा रही कार्यवाही की जानकारी भी लेते हैं। तहसील न्यायालयों के प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कराना उनकी प्राथमिकता में होती है।






