यूजीसी ने शहीद नंदकुमार पटेल विश्विवद्यालय समेत 11 यूनिवर्सिटी को डिफाल्टर सूची में डाला, यूनिवर्सिटी के खुद का भविष्य खतरे में !
निमेश कुमार राठौर (चीफ़ एडिटर)
प्रदेश (समाचार मित्र) खास बात ये है कि नंदकुमार पटेल यूनिवर्सिटी सहित प्रदेश के 11 अन्य यूनिवर्सिटी को भी यूजीसी ने इसी तरह का नोटिस भेजा है जिसमें बिलासपुर की अटल यूनिवर्सिटी और कुशाभाउ ठाकरे यूनिवर्सिटी भी शामिल है।
लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने पर रायगढ़ की शहीद नंदकुमार पटेल यूनिवर्सिटी को यूजीसी ने डिफाल्टर सूची में डाल दिया है। यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। ऐसे में लापरवाही को लेकर यूनिवर्सिटी प्रबंधऩ की जमकर किरकिरी हो रही है। इधर मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन का कहना है कि यूनिवर्सिटी में यूटीडी नहीं होने की वजह से लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी को जवाब भेजा जा रहा है।खास बात ये है कि नंदकुमार पटेल यूनिवर्सिटी सहित प्रदेश के 11 अन्य यूनिवर्सिटी को भी यूजीसी ने इसी तरह का नोटिस भेजा है जिसमें बिलासपुर की अटल यूनिवर्सिटी और कुशाभाउ ठाकरे यूनिवर्सिटी भी शामिल है।
दरअसल यूजीसी की गाइड लाइन के मुताबिक सभी यूनिवर्सिटी को छात्रों से जुड़े मसलों की सुनवाई और निराकरण करने के लिए लोकपाल की नियुक्ति करनी है। इस संबंध में सभी यूनिवर्सिटी को समय समय पर निर्देश जारी किया जाता है। रायगढ़ के नंदकुमार पटेल यूनिवर्सिटी को भी बीते साल मई महीने में इस संबंध में यूजीसी के द्वारा पत्र जारी कर निर्देशित किया गया था लेकिन यूनिवर्सिटी ने लोकपाल की नियुक्ति नहीं की।
मामले को गंभीरता से लेते हुए यूजीसी ने नंदकुमार पटेल यूनिवर्सिटी सहित प्रदेश की 11 यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया है। यूनिवर्सिटी को डिफाल्टर सूची में भी शामिल किया गया है। मामला सामने आऩे के बाद भाजपा यूनिवर्सिटी की लचर व्यवस्था पर सवाल उठा रही है। भाजपा का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार ने जल्दबाजी में यूनिवर्सिटी की स्थापना की। यूनिवर्सिटी के लिए पर्याप्त सेटअप, जमीन और भवन की व्य्वस्था भी नहीं की गई। नतीजन यूनिवर्सिटी आधी अधूरी व्यवस्था के बीच संचालित हो रही है और खामियां उजागर हो रही हैं।
इधर मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन की अपनी ही दलील है। यूनिवर्सिटी के कुलपति का कहना है कि यूनिवर्सिटी में अभी यूटीडी यानि शैक्षणिक क्लासेस शुरु नहीं हुई है। लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया और शर्तें काफी जटिल हैं। फिर भी इस दिशा में यूनिवर्सिटी प्रय़ास कर रही है। शैक्षणिक क्लासेस नहीं होने की वजह से लोकपाल की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। यूजीसी को इस संबंध में अवगत कराया जा रहा है।