भूविस्थापितों की समस्याओं पर SECL मुख्यालय के अधिकारियों के साथ कुसमुंडा में हुई बैठक, बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले !
कोरबा से मदन दास की रिपोर्ट
कोरबा (समाचार मित्र) एसईसीएल महाप्रबंधक कार्यालय कुसमुंडा सभागृह में कुसमुंडा क्षेत्र के अर्जित ग्रामों के ग्रामिणों की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यालय के अधिकारियों के साथ सोमवार को बैठक आयोजित की गई । जिसमें एसईसीएल मुख्यालय से महाप्रबंधक श्रम शक्ति शशिकिरण , महाप्रबंधक भू–राजस्व शरद तिवारी , प्रबंधक दीपिका वर्मा कुसमुंडा एरिया से महाप्रबंधक संचालन पाटिल , स्टाफ अधिकारी भू राजस्व एस के वर्मा, एस ओ पी एन पी राय , महाप्रबंधक सिविल आलोक श्रीवास्तव, प्रबंधक वीरेंद्र कुमार सिंह, प्रबंधक जी एस दुबे , हसन एवम हरेंद्र सिंह उपस्थित थे । भूविस्थापित अपनी विभिन्न मांगों पर कार्यवाही नहीं करने के परेशान होकर 29 जनवरी को एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर का गेट जाम धरना प्रदर्शन किए थे । मुख्यालय के अधिकारियों से वार्ता के दौरान चारों एरिया कोरबा , कुसमुंडा , गेवरा , दीपका में अलग-अलग तिथियो में समस्या का निराकरण हेतु सहमति बनी थी । सहमति के अनुसार कोरबा परियोजना में 5 फरवरी को बैठक आयोजित हुई और कुसमुंडा परियोजना में सोमवार 12 फरवरी को बैठक हुई । बैठक में सभी समस्याओं को विस्तार से भुविस्थापित नेता बृजेश श्रीवास ने अधिकारियों के समक्ष रखा । बैठक में ग्रामीणों ने पुराने प्रकरण के निराकरण आज तक नहीं होने के संबंध में अधिकारियों को अपनी नाराजगी व्यक्त की । पुराने प्रकरण में मुख्यतः अर्जन के बाद जन्म , अवार्ड के बाद नामांतरण , शासन द्वारा प्रदत्त भूमि स्वामी हक की भूमि पर रोजगार , खाता संयोजन आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई । जिसमें मुख्यालय के अधिकारियो द्वारा स्पष्ट रूप से यह कहा गया की अवार्ड के बाद नामांतरण हुए भूमि स्वामियों के रोजगार प्रकरण पर कार्यवाही नहीं किया जा सकता । अर्जन के बाद भूमि कंपनी की हो जाती है, उसके बाद नामांतरण करना विधि सम्मत नहीं है । अर्जन के बाद जन्म लिए नामांकित व्यक्ति के रोजगार प्रकरण को प्रमुखता से अधिकारियों के समक्ष रखा गया । अर्जन के बाद जन्म लिए नामांकित उम्मीदवार के मुद्दे पर महाप्रबंधक शरद तिवारी ने कहा कि इस विषय में मुख्यालय स्तर पर अनेक बार बैठक कर निराकरण का प्रयास किया गया है । मामला न्यायालय होने के कारण समस्या का निराकरण निकालने में परेशानी हो रही है । बैठक में उपस्थित लोगों ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि समस्या का निराकरण नहीं होने पर बार-बार आंदोलन होते रहेंगे , समस्याओं का हल निकालना पड़ेगा । कुछ ग्रामों के पुराने प्रकरणों पर 24 फरवरी को बैठक कर उचित कार्यवाही करने की बात अधिकारियों द्वारा कही गई । मुख्यालय के अधिकारियों ने नए प्रकरणों के संबंध में त्वरित कार्यवाही हेतु एरिया के अधिकारियों को निर्देशित किया । अधिकारियों ने बैठक के दौरान कहा कि शासकीय भूमि एवं दूसरे की भूमि पर निर्मित परिसंपत्तियो के एवज में अब पुनर्वास की पात्रता रहेगी , परंतु मुआवजा के साथ सोलिशियम राशि प्रदान नहीं की जाएगी । सोलिशियम राशि नहीं प्रदान करने की बात कहने पर ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराई । नए अर्जन में अर्जित ग्रामों के छोटे खातेदारों के लिए रोजगार की स्थाई व्यवस्था करने की बात ग्रामीणों ने कही । इस दौरान एरिया के अधिकारियों ने हाईवे रोड में दुकान एवं खदान में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी में अनिवार्य रूप से काम में रखवाने एवम अन्य विकल्प के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही। ग्रामीणों ने खदान में गैरप्रभावितो को कार्य मे रखने की बात कही , तब अधिकारियों ने क्षेत्रीय ग्रामीण को ही प्राथमिकता देने हेतु आश्वस्त किये । ग्राम पडनिया के हीरालाल कंवर एवं प्रताप सिंह कंवर ने भूमि का मुआवजा सभी ग्रामों में समान रूप से प्रदान करने की बात कही । उनके द्वारा यह अवगत कराया गया कि ग्राम खोडरी में 16 लाख तीस हजार प्रति एकड़ भूमि का मुआवजा राशि दिया गया है , जबकि ग्राम पडनिया , रिसदी एवं सोनपुरी के लिए पुराने दर पर भुगतान करने की कार्यवाही की जा रही है , यह उचित नहीं है । हमें भी वर्तमान दर से मुआवजा राशि भुगतान किया जाए । ग्राम जटराज के रोजगार एवं बसाहट पर उचित एवम त्वरित कार्रवाई नहीं करने पर ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराया । खदान में कार्यरत मजदूरों को हाइ पावर कमेटी द्वारा निर्धारित मजदूरी प्रदान नहीं करने पर ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही एवम व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन दिया गया । ग्रामीणों ने सर्वमंगला मंदिर के पास स्थित चार नंबर गेट से कोयला परिवहन करने से उत्पन्न समस्याओं के संबंध में अवगत कराया । सर्वमंगला नहर रोड में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है एवं सड़क धूल से पटा रहता है । आए दिन दुर्घटना होती रहती है । व्यवस्था दुरुस्त किया जाए या चार नंबर गेट को बंद किया जाए । इस पर अधिकारियों ने चार नंबर गेट शीघ्र बंद करने का आश्वासन दिया है । बैठक में बृजेश श्रीवास , प्रताप सिंह कंवर सरपंच , हीरालाल कंवर , प्रताप सिंह , सुरभवन सिंह , धरम सिंह , भारत पटेल , रामाधार पटेल, विनोद श्रीवास , पत्थर सिंह, शंकर सिंह , जग सिंह , पतिराम , संतराम, श्याम लाल , हिमांशु , मनोज कुमार एवम अन्य ग्रामीण उपस्थित थे ।