प्लांट में नाबालिक बच्चे की मौत पर जिला प्रशासन मौन, शांति जीडी प्लांट के आगे झुका प्रशासन, क्या दर्ज होगी कोई FIR !

जांजगीर-चांपा (समाचार मित्र) दिनांक 23 जुलाई को तड़के सुबह अचानक खबर आई कि एक मजदूर की शांति जीडी इस्पात एवं पावर लिमिटेड, महुदा में मौत हो गई। मामले में मृतक मजदूर युवक ग्राम फरसवानी निवासी भुवन बरेठ पिता स्व. जनक राम के रूप में शिनाख्त किया गया। मामले में ग्रामीणों ने प्लांट प्रबंधक के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी और प्लांट में मृतक के परिजनों सहित ग्रामीणों ने मुआवजा मांग और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रबंधन को घेर लिया। भारी शोर शराबा और ग्रामीणों की उपस्थिति को देखकर चांपा SDM, तहसीलदार सहित पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों और प्रबंधन के बीच समझौते का प्रयास किया था। वही अब मामले में कोई कार्यवाही न कर ठंडे बस्ते में डालकर लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है।
भुवन बरेठ की मृत्यु प्लांट प्रबंधन की गंभीर लापरवाही का नतीजा !

भुवन बरेठ के आधार कार्ड को देखने पर पता चलता है प्रथम दृष्टया ही भुवन नाबालिक बच्चा है ऐसे में प्लांट में उसको बिना पर्याप्त जांच किए किसने उसे नौकरी पर रखा था ये बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। भुवन के परिजनों के अनुसार भुवन कई महीने से वहां कार्य कर रहा था जबकि भुवन को बालिक होने में अभी भी 2 माह का समय बचा है। ऐसे में हैरानी की बात है कि किसी नाबालिक बच्चे से प्लांट में मजदूरी कराने वाले प्लांट के प्रबंधक एवं अन्य कर्मचारी सीधे सीधे सवालों के घेरे में आ गए है।नाबालिक भुवन से कराया खतरनाक काम !आपको जानकर आश्चर्य होगा कि महज 17 साल और 10 महीने के नाबालिक भुवन बरेठ को बिना जांच पड़ताल के ही प्लांट के सबसे खतरनाक 300 फिट की ऊंचाई वाले कोल फीडर कन्वेयर बेल्ट में महज 200 से 250 रुपए प्रतिदिन की रोज़ी में कराया जा रहा था। भुवन का शव बंकर के बेल्ट में फंसा हुआ पाया गया। जिस ऊंचाई पर बड़े बड़े अनुभवी मजदूर और प्रशिक्षित लोग जाने से डरते है वहां एक नाबालिक बच्चे से काम कराया जाना स्वयं ही प्लांट प्रबंधन के खिलाफ़ एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
संयंत्र के सुरक्षा एवं जांच प्रशासनिक अधिकारी सवालों के घेरे में !

शांति जीडी इस्पात एवं पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, महुदा जांजगीर चांपा जिले में स्थित है। संयंत्र से सम्बंधित प्रशासनिक अधिकारी जो सुरक्षा एवं समय समय पर संयंत्र की जांच करते है उनकी नजरों से कम उम्र के ये नाबालिक बच्चे बिना सुरक्षा उपकरणों के कार्य करते पकड़े क्यों नहीं गए। जिससे जिले के उन प्रशासनिक अधिकारियों पर भी उंगली उठना लाजमी है जिन्होंने अपना कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरती। वही अपनी निजी स्वार्थ और कमाई के लिए किसी भी हद को पार करने वाले प्लांट प्रबंधन के खिलाफ़ अब लोगों में रोष व्याप्त है।
प्रशासन की कार्यवाही पर टिकी सबकी निगाहें !
घटना को हुए अब 15 दिन से ज्यादा समय बीत गया है उसके बाद भी जिला प्रशासन एवं पुलिस की ओर से किसी तरह की कोई ठोस कार्यवाही का संकेत नहीं मिल रहा है। शासन की नियमों की धज्जियां उड़ाकर नाबालिक बच्चे से खतरनाक काम कराने से जुड़े कई सवाल प्लांट प्रबंधन पर उठ रहे है जिसे लेकर अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्यवाही पर टिकी हुई है। सीधे तौर पर देखा जाए तो प्लांट प्रबंधन सहित कई लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मामला भी पंजीबद्ध हो सकता है। मामला में फिलहाल पुलिस जांच कर रही है और आगे क्या कार्यवाही करती है ये देखना होगा। यह भी देखने वाली बात होगी कि मृतक के परिजनों को प्रशासन न्याय दिला पाएगा या नहीं ! वही प्लांट प्रबंधन द्वारा प्रशासन के समक्ष मृतक के परिजनों को किए उचित मुआवजा के लिए दिए वचन को निभा पाता है या नहीं ! स्थानीय ग्रामीणों की मांग है कि जबतक सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता न हो प्लांट के संचालन पर रोक लगानी चाहिए साथ ही ऐसे लापरवाही पूर्वक कार्य कराने वाले संयंत्र का लायसेंस भी कैंसिल कर देना चाहिए।