पंप हाउस बस्ती कोरबा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया पारंपरिक पर्व भोजली, छत्तीसगढ़ में मित्रता का पर्व माना जाता है भोजली।
कोरबा (समाचार मित्र) जिला कोरबा में भोजली का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. भोजली का त्यौहार सिर्फ मित्रता का ही उत्सव नहीं है, बल्कि नई फसल की कामना के लिए गांवों में यह त्योहार मनाया जाता है. जिले के ग्रामीण इलाकों में महिलाएं एक-दूसरे को भोजली का दूब भेंट कर जीवन भर मित्रता का धर्म निभाने का संकल्प लेती हैं. पंप हाउस बस्ती में इस बार भोजली त्यौहार के मौके पर पुरुषों ,महिलाएं और युवतियों ने भोजली की टोकरियां सिर पर रखकर नदी किनारे पहुंची और विसर्जन किया गया. सभी ने पारंपरिक रस्मों के साथ नदी में भोजली का विसर्जन किया गया। छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक वैभव के प्रतीक भोजली पर्व की अपनी महत्ता है. परंपरागत के विभिन्न तालाबों और नदियों में विसर्जन की परम्परा है. इस बार भोजली के अवसर पर कीर्तन भजन के साथ चंद्रहास यादव, ललित चौबे, मोती लाल साहू, योगेश तिवारी , राजू कुलदीप, शिव केवड़ा, गणेश चौहान, रोहित केवट, रामकुमार चंद्रा के साथ बस्ती के सभी माताओं बहनों ने भोजली विसर्जन किया, विसर्जन के बाद बचे भोजली को लोग एक-दूसरे के कानों में खोंच कर भोजली, गियां, मितान, सखी, महाप्रसाद, मितान, दीनापान बदते हैं. तो वही भोजली को अच्छी फसल के संकेत से भी जोड़कर देखा जाता है।