
कोरबा/करतला (समाचार मित्र) किसानों को अपना हितैषी बताने वाली राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए गंभीर नहीं है। दर-दर भटकने को मजबूर किसान अपने मेहनत से उपजाए धान की बिक्री हेतु तहसीलों के चक्कर काट रहे है वही तहसीलदार, पटवारी से लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन करने से बच रही है। पटवारियों द्वारा किए गए गिरदावरी में इतनी बड़ी त्रुटि होने से किसानों का जीना मुश्किल हो गया है। मामला करतला तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत नवापारा (चैनपुर) एवं घिनारा का है।
नवापारा (चैनपुर) से रामप्रसाद पटेल 35 दिनों से लगा रहे तहसील के चक्कर !

करतला तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत नवापारा चैनपुर निवासी रामप्रसाद पटेल ने बताया कि उनके पास मौजूद पर्ची में प्रत्येक वर्ष वो 5.80 एकड़ भूमि में धान की फ़सल लगाते है। इस वर्ष हुए गिरदावरी में पटवारी द्वारा त्रुटिपूर्ण जानकारी दर्ज़ करते हुए महज़ एक एकड़ में ही धान का फ़सल दर्शाया जबकि बाकी बचे हुए 4.80 एकड़ भूमि को धान लगे रहने के बावजूद उसमें मूंगफली फ़सल दर्शा दिया गया। परेशान किसान रामप्रसाद ने जिला कलेक्टर सहित तहसीलदार, पटवारी, मंडी समिति सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों के पास शिकायत किया परन्तु आज तक उसका निराकरण नहीं हुआ जिससे किसान और उसका पूरा परिवार करतला तहसील के चक्कर काट- काट कर परेशान है। किसान ने बताया कि लगभग 35 दिनों से वो करतला तहसील के चक्कर लगा रहा है। दोबारा गिरदावरी रिपोर्ट पटवारी द्वारा तहसील में जमा कर दिया गया फिर भी फ़सल विवरण में सुधार नहीं हो रहा है जिससे समर्थन मूल्य पर धान बिक्री से वो वंचित हो रहे है।
घिनारा से छत्रपाल सिंह राठिया भी रोज लगा रहे करतला तहसील के चक्कर !

ग्राम घिनारा निवासी छत्रपाल सिंह राठिया ने बताया कि का कुल 15.50 एकड़ भूमि है जिसमें धान लगाया गया है जबकि गिरदावरी रिपोर्ट में 7 एकड़ भूमि में अन्य फ़सल दिखाया जा रहा है। जब दोबारा मौका जांच हुआ तो पटवारी ने पाया कि मौके पर धान की फसल है। अब किसान द्वारा कई बार तहसील में आवेदन देने के बाद भी फसल विवरण नहीं सुधारा गया और करतला तहसील के चक्कर एक माह से काटने पर छत्रपाल सिंह राठिया विवश है। किसान का परिवार धान बिक्री में आ रही समस्या के चलते परेशान है।

करतला तहसीलदार राहुल पाण्डेय ने बताया कि भुइया पोर्टल में सुधार हो गया है पर ऑनलाइन में दिखा नहीं रहा है, पोर्टल में सुधार हेतु जिला कार्यालय से रायपुर NIC को भेजा गया है जल्दी दोनों किसानों का सुधार हो जाएगा।







