डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित हुई गीता देवी हिमधर, PHD की शिक्षा पूर्ण करने पर स्वजनों ने दी बधाई, जानें कैसे किया पूरा स्कूल में शिक्षिका, घर परिवार से लेकर डॉक्टरेट की उपाधि तक का सफ़र !
कोरबा (समाचार मित्र) श्रीमती गीता देवी हिमधर (राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता) शा. उ. मा. वि. फरसवानी, वि. ख. करतला, जिला कोरबा (छ. ग.) ने अपने शिक्षकिय कार्य के अलावा समय के महत्व को समझते हुए अपने मेहनत और कार्यों से कला व साहित्य के क्षेत्र में काम करते हुए समाज सेवा और कर्म को सच्चा पूजा मानने वाली गीता देवी को विशिष्ट उपलब्धियां एवं वेरी फाइड प्रोफाइल के आधार पर मैजिक एंड आर्ट यूनिवर्सिटी से द कैस्टल ऑफ थियेटर फरीदाबाद दिल्ली में देश भर के चयनित प्रतिभाओं के बीच गीता देवी हिमधर को साहित्य, कला व समाज विषय पर डॉक्टरेट की मानद उपाधि से डॉ. मनोज भाटिया मशहूर अभिनेता, डॉ. एस. के. रोहिल्ला निदेशक, डॉ. सी. पी. यादव विश्व प्रसिद्ध जादूगर एवं अध्यक्ष मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड और डॉ. सुष्मिता डे निदेशक पी. एच. डी. मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड फाउंडेशन के हाथों विभूषित किया गया।
डॉ. गीता देवी हिमधर बचपन से ही मेधावी छात्रा रहीं हैं। प्राथमिक शिक्षा के बाद बेटी होने के कारण आगे पढ़ने के लिए पांच किलोमीटर दूरी तय कर स्कूल जाना चुनौती से कम नहीं था,बेटी के पढ़ने की ललक और योग्यता को देख माता पिता ने अपने ग्राम कुरदा से दूसरे गांव छपोरा के माध्यमिक विद्यालय में भर्ती कराए। गीता अकेली सायकल से विद्यालय जाती रहीं।पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। दसवीं पढ़ने के बाद विवाह के पश्चात भी उन्होंने पांच जेठ जेठानी, ससुर जी व नन्हे मुन्ने बच्चों से भरा पूरा परिवार में अपने पति के मार्गदर्शन से पढ़ाई जारी रखीं और 1995 में शिक्षकीय जीवन प्रारंभ की। आगे और पढ़ाई जारी रखते हुए एम. ए. (संस्कृत, राजनीति शास्त्र), आयुर्वेद रत्न, वैद्य विशारद, सी. टी. ई. अंग्रेजी, डी. एड. आदि योग्यता बढ़ाते हुए सन् 2016 से व्याख्याता संस्कृत के पद में अपना सेवा दे रहीं हैं। बालकेंद्रित शिक्षा देकर विद्यार्थियों से घुल मिल जाती हैं ,जिससे विद्यार्थी भी बेहिचक अपने मन के जिज्ञासा बताते है। बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देतीं हैं।सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी,कक्षा शिक्षक, योगा प्रभारी, स्काउट गाइड, एन. एस.एस.आदि प्रभारी के दायित्व का निर्वहन करते हुए जिला स्तर पर अध्यक्ष शिक्षक कला व साहित्य अकादमी कोरबा,अध्यक्ष परिसंघ वोमेन विंग्स कोरबा,उपाध्यक्ष राज्य कर्मचारी संघ, संगठन मंत्री, कई पत्रिकाओं में सह संपादक आदि कार्यों का नेतृत्व कर रही हैं।
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में गीत, कविता, लेख आदि प्रकाशित होते रहे हैं और काव्य गोष्ठी में प्रस्तुति भी देती हैं।सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देती हैं। साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि और वक्ता होते हैं।साथ ही साथ विभिन्न विद्यालय व महाविद्यालयों के कार्यक्रम व वेविनारों में अतिथि वक्ता के रूप में अपना वक्तव्य देती रही हैं। सामाजिक कार्यों में अपना समय देतीं हैं। रात को सोने का समय में से कुछ समय निकाल कर लेखन करना, शाम के कुछ समय निकाल कर बागवानी कर अपने जीवन को रुचि पूर्ण रख लोगों के लिए प्रेरणा प्रदान करती हैं। डॉक्टर की उपाधि प्राप्त होने पर डॉ. जगन्नाथ हिमधर, सुयश, डॉ. त्रिलोक,श्वेता , श्री भैयाराम दुजबाई, विजेंद्र भोज खांडेकर, भरत मीना लहरे, परमानंद राज जांगड़े, प्रकाश , हेमंत नीला, मानिकचंद कविता, विद्यालय के समस्त स्टाफ , शिक्षाविदों,रिश्तेदारों, विभिन्न समिति के पदाधिकारियों और क्षेत्र के लोगों द्वारा हर्षित बधाई संदेश लगातार प्राप्त हो रहे हैं।