जानकारी छुपाकर पाई नौकरी, दो वाहन चालक कर्मचारी की हुई कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत, शिकायतकर्ता ने जांच कर कार्यवाही करने की रखी मांग।

जांजगीर-चांपा (समाचार मित्र) जिला कलेक्टर कार्यालय जांजगीर चांपा में तथ्यों को छुपाकर सरकारी पदों में नियुक्ति का मामला सामने आया है। जांजगीर निवासी हृदयनारायण सोनी ने दो व्यक्तियों के ख़िलाफ़ यह शिकायत दी है। मामले में संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि मोतीलाल कश्यप पिता रामधन कश्यप एवं प्रेमसुख लहरें पिता मोहनलाल लहरें के विरुद्ध भर्ती प्रक्रिया 2019 में गलत जानकारी देकर विभाग को गुमराह कर नौकरी करने का मामला सामने आया है। शिकायत के आधार पर दोनों वाहन चालक के पद पर 2019 से पदस्थ है। दोनों ने ही विभाग में नौकरी पाने के लिए अपने 2 से ज्यादा संतान होने की बात छुपाई है जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है। मोतीलाल कश्यप के 3 जीवित संतान है जो एक पुत्र और दो पुत्री है जिसे नौकरी पाने के लिए दो ही संतान बताया गया है। साथ ही प्रेमसुख लहरे का 4 जीवित संतान है जिसमें दो पुत्री और दो पुत्र है जो की इनके द्वारा केवल 2 ही संतान बताया गया है। प्रेमसुख लहरे प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास जांजगीर में वर्ष 2007 से माह फरवरी 2019 तक दैनिक मजदूरी दर पर कार्यरत था।
प्रेमसुख लहरे शासकीय भूमि पर काबिज़ !
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि वाहन चालक प्रेमसुख लहरे एवं उसकी पत्नी श्रीमती रामशिला बाई शासकीय भूमि पर घर बनाकर किराए पर दे रखा है और विभाग से मिलने किराए की राशि का लाभ भी लेता है।
अनुभव प्रमाण पत्र भी फर्जी डालने का आरोप !
शिकायतकर्ता ने दोनों वाहन चालक के विरुद्ध फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया है। पूर्व में शिकायत पर नहीं हुई कोई कार्यवाही ! शिकायतकर्ता हृदयनारायण सोनी ने पूर्व में भी दिनांक 8 मार्च 2018 में इस मामले की शिकायत की थी जिसपर कोई संज्ञान नहीं लिया गया था और मामले को दबा दिया गया था। इस बार शिकायतकर्ता ने जिला कलेक्टर कार्यालय के जनदर्शन में शिकायत कर मामले की जांच एवं कार्यवाही करने की मांग की है।
आरोप के अनुसार यह तो चौंकाने वाली बात है कि सरकारी नौकरी पाने के लिए इतनी गलत जानकारी दी गई। ऐसा लगता है कि शिकायतकर्ता हृदयनारायण सोनी इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं, तभी तो पहले भी शिकायत की थी और अब फिर से कलेक्टर तक पहुंचे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कलेक्टर इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करते हैं, खासकर जब पहले की शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल इन कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक सबक होगा। यह भी सोचने वाली बात है कि इतने सालों तक यह जानकारी विभाग से कैसे छिपी रही।

