कोरबा (समाचार मित्र) करतला में पदस्थ आरइएस के इंजीनियर अश्विनी कुमार पांडेय को मंत्रालय पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने निलंबित कर दिया है। बिना जांचे परखे निर्माण संबंधित 16 घटिया कार्यों को बेहतर बताकर अधिकारी ने मूल्यांकन किया था।
मामले की शिकायत रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने तीन साल पहले शासन से की थी। जिस पर शासन ने प्रश्ाासन जांच टीम गठित की थी। टीम के सांैपे गए रिपोर्ट के आधार यह निर्णय लिया गया है।लोक हित के कार्यों के लिए जारी की गई राशि का किस तरह दुरूपयों किया जा रहा है यह बात शासन की कार्रवाई के बाद सामने आई है। आरईएस में पदस्थ सब इंजीनियर अश्विनी पांडेय ने बिना किसी निरीक्षण-परीक्षण किए ही एक-दो नहीं, बल्कि 16 निर्माण कार्यों की तकनीकी मंजूरी दे दी। काम जिस स्तर पर हुआ था उसके मुकाबले अधिक मूल्यांकन किया गया है। अनियतिता बरतने का आलम यह था कि स्थल का मुआयना किए बगैर ही इंजीनियर ने कार्यों का मूल्यांकन कर दिया। इंजीनियर अश्वनी पांडेय के खिलाफ पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने वित्तीय अनियमितता की शिकायत कर निलंबित करने की मांग की थी।
सेवा उपसंभाग करतला में पदस्थ उप यंत्री पांडेय के खिलाफ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंडल बिलासपुर ने 26 नवंबर 2020 को जांच समिति गठित की थी। जांच में पाया गया है कि विकासखंड करतला के 16 निर्माण कार्यों का बिना स्थल परीक्षण तकनीकी स्वीकृति दे दी गई। इतना ही नहीं, सब इंजीनियर पांडेय के द्वारा सत्यापन में अनियमितता किया जाना भी पाया गया। इस पर श्री पांडेय को 26 जुलाई 2021 को कारण बताओ नोटिस जारी जवाब मांगा गया था। संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर निलंबन की अनुशंसा की गई। मुख्य अभियंता को बगैर स्थल निरीक्षण के स्टीमेट तैयार करने, अधिक राशि का कार्य कराने का जिम्मेदार ठहराया गया है। पांडेय का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम-1965 के तहत गंभीर कदाचरण व अपराध की श्रेणी में आता है। इस वजह से निलंबन करने का निर्णय लिया गया है।