अमेरिका में गूंजा जय भीम का नारा, भारत के बाहर बाबा साहब की सबसे ऊंची प्रतिमा का हुआ अनावरण।
नई दिल्ली (समाचार मित्र) भारत के बाद अब दुनिया के सबसे विकसित मुल्क अमेरिका में भी जय भीम के नारे की गूंज उठी है. इसकी वजह है कि भारत के बाहर भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा का औपचारिक रूप से अनावरण अमेरिका के मैरीलैंड शहर में किया गया.
एक दिन पहले शनिवार (14 अक्टूबर) को 19 फीट ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण किया गया. इसका नाम स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी (Statue of Equality) यानि “समानता की प्रतिमा” दिया गया है.
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक भारतीय-अमेरिकी नागरिकों के अलावा भारत से और अन्य देशों से कई लोग शामिल हुए. अनावरण के वक़्त मौजूद लोगों ने जय भीम के नारे भी लगाए. स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी के अनावरण समारोह में शामिल होने आए लोगों का भारी बारिश के बाद भी उत्साह कम नहीं हुआ. कई लोगों ने तो इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करीब 10 घंटे तक की लंबी यात्रा की.
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए
देश के अलग-अलग हिस्सों से आए भारतीय-अमेरिकियों ने वहां कई तरह की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं. वहीं, अमेरिका में अंबेडकरवादी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दिलीप म्हास्के ने कार्यक्रम में शिरकत करने के दौरान कहा कि स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी 1.4 अरब भारतीयों और 4.5 मिलियन भारतीय अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व करेगी.
अनावरण की तारीख का विशेष महत्व
अमेरिका में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा अनावरण के लिए 14 अक्टूबर की तारीख चुनने के पीछे भी विशेष कारण है. स्वतंत्र भारत में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पहले मंत्रिमंडल में डॉ अम्बेडकर को कानून और न्याय मंत्री बनाया गया था. बाद में अंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 को अपने समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया था. उनके बौद्ध धर्म अपनाने की तारीख और मैरीलैंड में प्रतिमा के अनावरण की तारीख एक रखी गई है.
अमेरिका में राष्ट्रपति भवन ‘व्हाइट हाउस’ से ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ दक्षिण में करीब 22 मील दूर है. 13 एकड़ में बने इस सेंटर प्रतिमा के अलावा लाइब्रेरी, कन्वेंशन सेंटर और बुद्ध गार्डन भी है. बता दें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था. वह भारत की संविधान सभा की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष रहे.