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विधि से संघर्षरत बालक भी देश का भविष्य- चीफ़ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, कोरबा

कोरबा: नालसा की गाईड लाईन्स के अनुसार माननीय कार्यपालक अध्यक्ष महोदय छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत माननीय श्री डी.एल. कटकवार, जिला एवं सत्रा न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के मार्गदर्शन में दिनांक 28.07.2023 को जिला पंचायत कोरबा के सभागार में किशोर न्याय बोर्ड, के सदस्य, सी.डब्ल्यू.सी. सामाजिक कार्यकर्ता एवं अन्य स्टेक होल्डर्स को शामिल करते हुये एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

श्री कृष्ण कुमार सूर्यवंशी, मुख्य न्यायिक मजि0/प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के तहत् किशोर न्याय से संबंधित कार्य करने वाले स्टेक होल्डरों से कहा गया कि जो कि विधि से संघर्षरत बालक भी देश का भविष्य है, किशोर न्याय अधिनियम एक संवेदनशील विषय है, बालकों के साथ-साथ उसके माता-पिता का भी हित इसमें जुड़ा रहता है, इसमें छोटी सी चुक किसी भी बालक के भविष्य को खराब कर सकता है। विधि से संघर्षरत बालक के प्रकरण में सकरात्मक सोच के साथ जांच की कार्यवाही किया जावें। ताकि विधि से संघर्षरत बालक को मुख्यधारा में लाने का भरसक प्रयास किया जा सकें।

श्री बृजेश कुमार राय, अध्यक्ष, किशोर न्याय बोर्ड कोरबा, किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अंतर्गत किशोर न्याय बोर्ड के कार्य एवं शक्तियों के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये कहा गया कि जिले में नियुक्त विशेष किशोर पुलिस इकाई के द्वारा विधि से संघर्षरत बालकों के प्रकरणों में किशोर न्याय अधिनियम का अक्षरतः पालन करते हुये कार्यवाही किया जावें। किशोर न्याय अधिनियम 2015 का मुख्य उद्देश्य विधि से संघर्षरत बच्चों तथा देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की बाल मैत्री प्रक्रिया के तहत् उनके सर्वोत्त हित को ध्यान में रखते हुये उनकी समुचित देखरेख, पुनर्वास, संरक्षण, उपचार एवं विकास सुनिश्चित करना है। किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत होने वाले विधि से संघर्षरत बालक जिन्हें शासकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह में प्रकरण की जांच लंबित होने की स्थिति में संस्थागत रखा जाता है उस स्थिति में उनकी मानसिक विकास हेतु उन्हें व्यासायिक प्रशिक्षण से जोड़ा जाने का प्रयास किया जावें। जिससे वे आगे अपने भविष्य के लिये दूसरे के उपर आश्रित न रहकर स्वयं का अपना व्यवसाय कर सकें।

श्री प्रदीप येरेवार, डी.एस.पी. मुख्यालय, के द्वारा जिले में किशोर न्याय अधिनियम अंतर्गत विशेष किशोर पुलिस इकाई के सदस्यों को समय≤ पर स्वमेय अधिनियम के प्रावधानों का अद्यतन जानकारी लिये जाने हेतु प्रेरित किया गया क्योंकि प्रशिक्षण कार्यक्रम से तो वे नवीन प्रावधानों के संबंध में जानकारी मिलता ही है, कोई परेशानी आने पर अपने उच्च अधिकारी से मार्गदर्शन ले सकते है। जिससे किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत् बेहतरीन पुलिसिंग व्यवस्था हो सकें।

गजेन्द्र देव सिंह, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, कोरबा के द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में संक्षिप्त में जानकारी प्रदान करते हुये कहा गया कि जिले में बाल अपराध से संबंधित बाल विवाह, बाल श्रम, बाल शोषण, मानव दुव्र्यापार के मामलें के संबंध में जागरूकता अभियान संचालित हो रहे है, जो कि विकासखंड, नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायत स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति के द्वारा सतत् संवीक्षा किया जा रहा है। जिससे जिले में किशोर न्याय अधिनियम से संबंधित अपराध में कमी हो रही है।

श्री संदीप कुमार बिसेन, विधिक सह – परिवीक्षा अधिकारी, के द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के संबंध में बताया गया कि किशोर न्याय अधिनियम को बच्चों के देखरेख एवं सुरक्षा को सुनिश्चित किये जाने हेतु दो भागों में विभक्त किया गया जिसमें एक में देखरेख एवं संरक्षण वाले बालकों आते है, जिनके संबंध में कार्यवाही जिले में पदस्थ बालक कल्याण समिति तथा दूसरे भाग में विधि से संघर्षरत बालक जिनके संबंध में कार्यवाही किशोर न्याय बोर्ड के द्वारा किया जाता है।

श्री मनीष शर्मा, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति के अंतर्गत जो देखरेख एवं संरक्षण वाले बच्चें है, उनकी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु उन्हें किशोर न्याय अधिनियम अंतर्गत प्रवर्तकता कार्यक्रम एवं पोषण देखरेख योजना संचालित है। जिसके संबंध में विस्तृत जानकारी दिया गया। उक्त कार्यक्रम में एन.जी.ओ. रेक्स मेहता, सदस्य जे.जे.बी. रविशंकर खुंटे, सीमा शाह, बाल कल्याण समिति के सदस्य बीता चक्रवर्ती, चन्द्रबाला शुक्ला, बाल एवं बालिका गृह के अधीक्षक, पुलिस विभाग से विशेष पुलिस इकाई के सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के अधिवक्ता एवं थाने में नियुक्त पैरालीगल वाॅलीण्टियर्स उपस्थित थे।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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