लोगों को पोस्ट मार्टम के लिए लगानी पड़ रही जिला मुख्यालय की दौड़, बरपाली क्षेत्र में नही है कोई सुविधा।
कोरबा : बरपाली, कोथारी, फरसवानी, खरवानी, सहित दर्जनों गांवों में शव पोस्टमार्टम की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिससे लोगों को जिला अथवा करतला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ रही है। पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं होने से आम जनता तथा पुलिस अधिकारियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में मौजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पोस्ट मार्टम के लिए स्वीपर मौजूद नहीं है इसलिए यहां पदस्थ ज़िम्मेदार डॉक्टर भी पोस्टमार्टम करने से मना कर देते हैं, जिसको लेकर जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों में भी रोष देखा जा रहा है।
स्वीपर के पद खाली, कैसे हो पोस्ट मार्टम!
ज्यादातर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शव परीक्षण के लिए स्वीपर मौजूद ही नही है जिसके कारण पोस्ट मार्टम हो पाना संभव नहीं है इसके लिए स्वीपर भी नियुक्ति अनिवार्य है।
शव रखने तक की जगह नहीं!
पोस्ट मार्टम करने के लिए क्षेत्र में शव रखने तक के लिए शवगृह (मरचूरी) स्थान नही है, ऐसे में खुले में ही पोस्ट मार्टम करने की स्थिति निर्मित हो जाती है। सुविधा अपने आस पास नही मिलने से परिजनों को जिला मुख्यालय कोरबा या करतला की दौड़ लगाना पड़ता ही है। यही नहीं कई बार जांजगीर – चांपा जिले से भी स्वीपर अपने निजी खर्चे पर बुलाए जा रहे है। पोस्ट मार्टम की सुविधा क्षेत्र में मिल सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ध्यान नही दे रहा है।