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लालू परिवार को झटका, 6 करोड़ की संपत्ति जप्त, क्या है जमीन के बदले नौकरी लगाने का मामला !

नौकरी के बदले जमीन घोटाले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ईडी ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू यादव के परिवार से जुड़ी 6 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. इस मामले में राजद प्रमुख और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व सीएम राबड़ी देवी पहले से ही जांच का सामना कर रहे हैं.

अभी हाल ही में CBI ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया था.बीते महीने सीबीआई ने दायर की थी चार्जशीट जानकारी के मुताबिक, ईडी ने लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी मामले में एक्शन लिया है. ईडी ने राजद मुखिया के परिवार के 6 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली है. अभी बीते महीने ही, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई की ओर चार्जशीट दायर की गई थी. ईडी कर रही है मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांचबता दें कि रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत में जमीन लेने के आरोपों के मामले में सीबीआई जांच कर रही है. वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी जांच कर रही है. सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी. इस मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव और हृदयानंद चौधरी भी अभियुक्त हैं. आरजेडी नेता लालू यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था. भोला 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे.

नौकरी के बदले जमीन घोटाला क्या है?बिहार में ये घोटाला 14 साल पहले का है. समीकरण कुछ ऐसे थे कि केंद्र में यूपीए की सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे. इस मामले में 18 मई 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया था.सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्सटीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब जमीन का सौदा हो गया तो इन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई की जांच में ये भी सामने आया कि रेलवे में सब्सटीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस भी जारी नहीं किया गया था, लेकिन जिन परिवारों ने लालू परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त कर दिया गया था.

मामले में सीबीआई ने लगाए है ये आरोप, जानिए कैसे हुआ था घोटाला सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा यादव और हेमा यादव समेत कुछ उम्मीदवारों को आरोपी बनाया है. सीबीआई का आरोप है कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उन्होंने ग्रुप डी में सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती के बदले जमीनें लीं. ये जमीनें लालू यादव ने अपने परिजनों के नाम कराईं. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे, तो उन्होंने जमीन के बदले सात अयोग्य उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी दी.क्या कहना है ईडी का?ED के मुताबिक, कुछ उम्मीदवारों के आवेदन को अप्रूव करने में जल्दबाजी दिखाई गई. कुछ आवेदनों को तीन दिनों में ही अप्रूव कर दिया गया. पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे ने उम्मीदवारों के आवेदनों को बिना पूरे पते के भी अप्रूव कर दिया और नियुक्त कर दिया.

इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?CBI ने इस मामले में पिछले साल 18 मई 2022 को केस दर्ज किया था. जुलाई में CBI ने भोला यादव को गिरफ्तार किया था जो कि उस समय लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए उनके ओएसडी थे. पिछले साल ही 10 अक्टूबर 2022 को ही सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस साल 27 फरवरी 2023 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू फैमिली समेत 14 आरोपियों को समन जारी किया थी. सभी आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने को कहा गया था.अदालत ने 15 मार्च को दी थी जमानत15 मार्च को लालू परिवार समेत सभी आरोपियों को अदालत ने पूछताछ के लिए बुलाया था, अदालत ने आरोपियों को 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी थी. वहीं सीबीआई इस मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी पूछताछ के लिए बुला चुकी है, जिसमें तीनों बार तेजस्वी शामिल हुए थे.इससे पहले सीबीआई ने 6 मई को पहले पूर्व सीएम राबड़ी देवी और फिर 7 मई को लालू यादव से पूछताछ की थी. दोनों से 5-5 घंटे पूछताछ की थी.

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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