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मोदी 3.0 में बिना चुनाव लड़े ही ये 11 लोग बन गए मंत्री, क्या ये संभव है ? क्या संविधान देता है ऐसी अनुमति, जानें कैसे कोई बिना जीते ही बन सकता है मंत्री ?

नई दिल्ली (समाचार मित्र) नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. पीएम मोदी के साथ 71 मंत्रियो ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं.

मोदी कैबिनेट में 11 ऐसे मंत्री शामिल हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. बिना चुनाव लड़े भी इन दिग्गज नेताओं को कैबिनेट में जगह दी गई है. चलिए आपको बताते हैं कि बिना चुनाव लड़े भी कैसे मंत्री बना जा सकता है.बिना लोकसभा चुनाव लड़े कैसे बन सकते है मंत्री-भारत में मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है. अगर प्रधानमंत्री चाहें तो कुछ जरूरी अर्हता को पूरा करने वाले किसी भी शख्स को मंत्री बना सकते हैं. अनुच्छेद 74 के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति मंत्रिमंडल का गठन करते हैं. किसी सदन का सदस्य नहीं होने पर अगर मंत्री बनाया जाता है तो 6 महीने के भीतर उनको संसद का सदस्य बनना जरूरी है.हमारे देश में संसद लोकसभा और राज्यसभा से मिलकर बनती है. अगर मंत्री लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े हैं. लेकिन वो राज्यसभा के सदस्य हैं तो वो मंत्री बने रह सकते हैं. उनका लोकसभा का सदस्य होना जरूरी नहीं है.

बिना लोकसभा चुनाव लड़े कैसे बन सकते है मंत्री-
भारत में मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है. अगर प्रधानमंत्री चाहें तो कुछ जरूरी अर्हता को पूरा करने वाले किसी भी शख्स को मंत्री बना सकते हैं. अनुच्छेद 74 के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति मंत्रिमंडल का गठन करते हैं. किसी सदन का सदस्य नहीं होने पर अगर मंत्री बनाया जाता है तो 6 महीने के भीतर उनको संसद का सदस्य बनना जरूरी है.

हमारे देश में संसद लोकसभा और राज्यसभा से मिलकर बनती है. अगर मंत्री लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े हैं. लेकिन वो राज्यसभा के सदस्य हैं तो वो मंत्री बने रह सकते हैं. उनका लोकसभा का सदस्य होना जरूरी नहीं है.

संसद का सदस्य नहीं होने पर क्या होगा?

प्रधानमंत्री अपने विशेषाधिकार के तहत ऐसे किसी भी शख्स को अपनी कैबिनेट में शामिल कर सकते हैं, जो एक सांसद बनने की शर्तें पूरी करता है. राज्यसभा का सांसद बनने के लिए उम्र 30 साल और लोकसभा का सांसद बनने के लिए 25 साल की उम्र होनी चाहिए. इसके अलावा वो भारत का नागरिक हो. लेकिन इसके साथ एक शर्त भी जुड़ी है. संविधान के अनुच्छेद 75 के मुताबिक प्रधानमंत्री की कैबिनेट में शामिल मंत्री को 6 महीने के भीतर किसी भी सदन का सदस्य होना जरूरी है. इसका मतलब है कि मंत्री बनने के 6 महीने के भीतर उस शख्स को राज्यसभा या लोकसभा का सदस्य बनना ही होगा. अगर वो ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो उनको मंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा.

बिना लोकसभा चुनाव लड़े मंत्री बने 11 चेहरे-

पीएम मोदी के साथ 71 मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें से कई चेहरे राज्यसभा के सांसद हैं. बिना लोकसभा चुनाव लड़े मंत्री बनने वाले चेहरों में एस जयशंकर, जेपी नड्डा, निर्मला सीतारमण, अश्विनी वैष्णव, जयंत चौधरी, रामदास अठावले, एल मुरुगन, रामनाथ ठाकुर, सतीश दुबे और पवित्रा मार्गेरिटा शामिल हैं. ये सभी राज्यसभा के सांसद हैं. इनके अलावा पंजाब से आने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को भी मंत्री बनाया गया है, जो लोकसभा का चुनाव हार गए हैं और वो किसी सदन के सदस्य भी नहीं हैं. चलिए आपको बिना लोकसभा चुनाव लड़े कैबिनेट में शामिल होने वाले नेताओं के बारे में बताते हैं.

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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