कोरबा (समाचार मित्र) छत्तीसगढ़ राज्य में होने जा रहे हैं विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होने लगी है। उम्मीद है कि सितंबर के मध्य या अंत तक आचार संहिता लागू होकर नवंबर में निर्वाचन संपन्न करा दिया जाएगा। इससे पहले चुनाव के मैदान में कौन-कौन दावेदार ताल ठोकेंगे, इसे लेकर पूरे छत्तीसगढ़ सहित कोरबा जिले की चार विधानसभा क्षेत्र में मंथन जारी है। भाजपा ने कोरबा विधानसभा में अपना तुरुप का एक्का लखन देवांगन को उतार दिया है तो वहीं कांग्रेस में भी मंथन जारी है।
कोरबा विधानसभा को छोड़ दें तो शेष रामपुर, कटघोरा और पाली-तनाखार विधानसभा में दावेदारों की लंबी लिस्ट है। कांग्रेस की तरफ से ब्लॉक अध्यक्षों ने दावेदारों की सूची पर मंथन शुरू किया है तो वहीं भाजपा की चुनाव और प्रत्याशी चयन समिति के द्वारा केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर जिस नाम पर मोहर लगा दी जाएगी उसे जिताने के लिए पदाधिकारी और कार्यकर्ता एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगे।
यह तो पार्टी का मैटर है लेकिन आम जनता और मतदाता भी या जानने को उत्सुक हैं कि आखिर उन्हें किस-किस उम्मीदवार को चुनने का मौका दोनों प्रमुख दलों के द्वारा दिया जाएगा।
रामपुर में ननकीराम की टिकट पक्की या कोई और होगा दावेदार…?
बात करें रामपुर विधानसभा क्षेत्र की तो यहां फिलहाल वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री रहे मौजूदा विधायक ननकीराम कंवर का विकल्प तलाशना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। सारे समीकरणों को ध्यान में रखकर प्रत्याशी चयन किया जाएगा ताकि ननकीराम नाराज ना हों। उनकी नाराजगी और गैर नाराजगी का पूरा-पूरा ध्यान पार्टी को रखना होगा। कानों कान सुनी अपुष्ट बात यह भी है कि अगर टिकट न मिला तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं! हालांकि उन्होंने जिस संगठन को ऊपर उठाया है उसके लिए उनके मन में क्या विचार है यह तो वही बता सकते हैं लेकिन चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसमें सच्चाई नहीं भी हो सकती है। रामपुर में युवा नेता अजय कंवर भी एक प्रबल दावेदार हैं जो संगठन में छात्र राजनीति से लेकर विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी की रीति-नीति को आगे बढ़ने का काम कर रहे हैं। रामपुर विधानसभा में कंवर और राठिया समाज ही अमूमन जीत और हार तय करते हैं। यदि बात कंवर समाज को टिकट देने पर गई तो ननकीराम या अजय कंवर में से किसी एक को मौका मिलेगा। दूसरी तरफ राठिया वोट का समीकरण बिठाया जाए तो टिकेश्वर राठिया पर दांव खेला जा सकता है। रामपुर विधानसभा से इन्हीं तीनों नाम में से किसी एक को फाइनल करना है। यदि कोई दूसरा नाम पार्टीजनों के विचार में है तो वह अभी तक सामने नहीं आया है।