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बरसात में ये पर्यटन स्थल बन जाते है अत्यंत मनमोहक, लेकिन ! बुलाती है मगर जाने का नही …

कोरबा। बरसात में ज्यादातर लोगों को घूमने जाने का कीड़ा काटने लगता है। कोरबा जिले में मौजूद कई पर्यटन स्थल ऐसे है जो प्राकृतिक नज़ारा लिए बैठे है जैसे सतरेंगा, केंदई, बुका, बांगो, चिचोली का सुकालु – दुकालू आदि स्थलों को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे प्रकृति अपना अलग ही रूप दिखाने पर्यटकों को बुला रही हो। मगर पिछले दिनों हुए कुछ हादसे भी आपको याद कर लेने चाहिए। जो ये संकेत है की ये खूबसूरत जगह खतरो से खाली नही हैं।

प्रतिबंधित क्षेत्र में सैर सपाटे के लिए जाने के कारण देवपहरी में एक शिक्षक की मौत हो चुकी है। जिले वनस्थली क्षेत्र से लेकर नदियों के मुहाने अब हरियाली से लबरेज होने के साथ जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। पर्यावरण व पर्यटन स्थल के लिहाज से इन स्थलों पर प्राकृतिक सौंदर्य अपने पूरे शबाब पर आने लगी है। जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर सतरेंगा, गढ़, लेमरू, उपरोड़ा क्षेत्र में हरियाली भले ही लोगाें के लिए लुभावनी बनी है लेकिन डुबान क्षेत्र की दलदली लोगों के लिए समस्या खड़ी कर सकती है। छोटी-बड़ी नदियों के जलप्रपात व कल-कल करते झरने सहज ही पर्यटकों के लिए आकर्षण के साथ मौत का कारण भी बन सकते हैं। देवपहरी के गोविंद झूंझा से कलकल प्रवाहित जल सौंदर्य देखने में जितना आकर्षक है उतना जानलेवा है। वर्षा के कारण पथरीली राह फिसलन भरी हो गई।

अकालरा क्षेत्र के शिक्षक की गई थी जान।

देवपहरी घूमने गए एक शिक्षक तेज़ बहाव के बीच फंस गए थे जिन्हे अपने जान से हाथ धोना पड़ा था।

इसके बाद भी इसे देखने लिए लोग जान को जोखिम में डाल कर पहुुंच रहे हैं। जांजगीर जिले के अकलतरा से आए शिक्षक की यहां डूबने से मौत हो गई थीं इसी जगह एक दंपत्ति से सहित दो युवक , एक युवती भी जल प्रपात के बीच टापू में फंस गए थे। जिन्हे काफी मशक्कत के बाद निकाला गया। बांगो बांध में जल स्तर बढ़ने के साथ यहां तैरने वाले मगरमच्छ से खतरा बढ़ गया है। पर्यटन स्थलों पहुंच मार्ग तो बनी है लेकिन वर्षा में मिट्टी कटाव के कारण आवागमन भी मुश्किलों भरा है। ऐसे में परिवार के साथ जल भराव वाले क्षेत्र के सैर सपाटे मुसीबत को आमंत्रण साबित हो सकता है।हर साल होती है दुर्घटना की पुनरावृत्ति देवपहरी के गोविंद झूंझ में हर साल दुर्घटना की पुनरावृत्ति होती है। स्थानीय स्तर पर यहां सुरक्षा समिति गठित तो की गई है, इसके बावजूद भी लोग नियम का उल्लंघन करने में पीछे नहीं हैं। जिस स्थल में माह भर पर पहले दंपत्ति और दो युवक-युवती फंसे थे, उसी स्थान पर बीते वर्ष फिल्म शूटिंग के लिए पहुंची टीम पानी से घिर गए थे। इन दिनों वर्षा जल के कारण स्थल को प्रतिबंधित किया गया है। इसके बाद भी लोग नियम का उल्लंघन कर जल प्रपात देखने पहुंच रहे हैं।

कटघोरा के युवकों की गई थी जान ।

केंदई जलप्रपात के सौंदर्य को देखने के लिए लोग लोग जित तरह से पहुंच रहे हैं वह खतरों से खाली नहीं। लगातार हो रही वर्षा की वजह से यह क्षेत्र पूरी तरह से असुरक्षित हो गया है। अनजाने में लोग इस स्थल में परिवार सहित आने की भी भूल कर रहे हैं। बीते वर्ष इस जगह में कटघोरा के दो युवकों की जान चली गई। तैरना नहीं आने के बाद भी लोग पानी में उतरते है और दुर्घटना के लपेटे में आ जाते हैं।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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