मुख्यमंत्री का हो रहा इंतजार उधर धान खरीदी केंद्र में भारी अनियमितता उजागर, टोकन कटने के बाद भी धान बेंचने 2 दिन से भटक रहे किसान, किसानों को गुमराह करके वसूल रहे मानक से ज्यादा धान !

छत्तीसगढ़/सक्ति (समाचार मित्र) जिला मुख्यालय में एक तरफ जहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आगमन की जोरदार तैयारियां चल रही है वहीं किसान हितैषी सरकार में दूसरी ओर किसान टोकन कटवाने के बाद भी धान बिक्री के लिए भटक रहे है। सक्ति जिला अंतर्गत सहकारी समिति डोड़की में धान खरीदी केंद्र में भारी अनियमितता बरती जा रही है। केंद्र में प्रदीप कुमार निवासी ग्राम जाजंग (सक्ति) द्वारा धान का बिक्री करने हेतु कल दिनांक 15 जनवरी को टोकन कटवाया गया जिसके बाद किसान धान लेकर केंद्र पहुंचा परन्तु केंद्र में 15 जनवरी को खरीदी नहीं हुआ और दूसरे दिन भी किसान का धान केंद्र में नहीं तौला गया केंद्र में धान बिना तौले ही पड़ा रहा। किसान को अगले दिन तौल के लिए बुलाया गया। फड़ प्रभारी की लापरवाही से किसान का धान 2 दिनों से नहीं तौला गया जिससे किसान परेशान है। वहीं किसानों ने बताया कि केंद्र में किसानों से 41.300 किलो प्रति बोरी तौल में भी लिया जा रहा है जो फड़ प्रभारी के कहने पर ही दे रहे है। किसानों ने बताया कि केंद्र प्रभारी के कहने पर किसान स्वयं ही तौल कार्य को करते है और बोरा भी सिलकर देते है।

नोडल अधिकारी एवं खाद्य अधिकारी को दी सूचना।
नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय को मामले की सूचना देने के बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया और किसी अधिकारी को केंद्र में जांच हेतु नहीं भेजा। खाद्य अधिकारी सीमा सिंह ठाकुर को फोन करने पर उनके द्वारा फोन नहीं रिसीव किया गया। मामले की जानकारी सक्ति तहसीलदार रविशंकर राठौर को भी दी गई है जिसपर अनियमितता की शिकायत पर पटवारी भूपेंद्र बरेठ द्वारा सूचना पर पंचनामा करने पहुंचे परंतु पंचनामा में हस्ताक्षर नहीं करने पर बिना पंचनामा किए ही वापस चले गए।
किसानों से लूट, जेब भर रहे केंद्र प्रभारी !
सक्ति जिला अंतर्गत आने वाले डोड़की धान खरीदी केंद्र में किसानों को गुमराह करके मानक तौल से ज्यादा धान लिया जा रहा है (साक्ष्य वीडियो सुरक्षित) आपको बता दे कि केंद्र में किसानों से प्रति बोरा 41.200 से 41.400 किलो तौल लिया जाता है जो शासन के मानक नियमों के विरुद्ध हैं। किसानों से बिना वजह ही ज्यादा धान लेने से किसानों की गाढ़ी कमाई पर केंद्र प्रभारी बट्टा मार रहे है।
मामले के बारे में पूछने पर फड़ प्रभारी धनंजय साहू ने अपना पक्ष रखने से साफ़ इनकार कर दिया। वही प्रबंधक सुरेश गबेल से फोन पर पूछने पर उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
निष्पक्ष जांच की जरूरत !
मामले में किसान का टोकन 15 जनवरी का था परन्तु किसान से खरीदी आज यानी 16 जनवरी को भी नही हो पाया इससे संदेह होता है कि क्या किसान का बिना तौल किए ही बिक्री ऑनलाइन चढ़ा दिया गया हैं ? फिलहाल ये जांच का विषय है केंद्र में हो रही अनियमिताओं की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है जिससे किसानों के साथ हो रहे समस्याओं एवं तौल के नाम पर हो रहे ठगी का निराकारण हो सके। वही जमीनी स्तर के अधिकारी गहरी नींद में सो रहे है जिससे उन्हें किसानों की समस्याएं दिख नहीं रही है।