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छत्तीसगढ़ में सियासी पारा गर्म, महादेव ऐप केस में 4 गिरफ्तारी, CM के ख़ास भी सामिल, करोड़ों का हो रहा ‘खेल’ !

रायपुर (समाचार मित्र) छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सत्तारुढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. महादेव ऐप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

वहीं ED की ओर से सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के आवास पर रेड मारा गया जिसमें कांग्रेस ने आलोचना की. पुलिस को पता लगा है कि ऐप का मास्टरमाइंड दुबई से ऑपरेट कर रहा है. विनोद वर्मा ने आरोप लगाते हुए कह कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस को डराने की बीजेपी की यह कोशिश है. ये महादेव ऐप में सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन केंद्र में कानून बनाकर लूडो को सट्टा बनाओ और खेलोगे तो जीएसटी लगाने वाले बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में सट्टा कैसे चल रहा है.अपने यहां हुई कार्रवाई पर सबूत की मांग करते हुए विनोद वर्मा ने कहा, “मुझे बहुत खुशी होगी कि जो कार्रवाई हुई है उसमें मेरे खिलाफ कोई सबूत ला दें. एक अठन्नी भी कहीं से आई हो तो इसकी जानकारी मुझे बता दें तो मुझे खुशी होगी. पिछली बार भी ऐसी परिस्थिति चुनाव से पहले मेरे साथ बनी थी. मुझे ब्लैकमेलिंग के नाम पर जेल में रखा गया, लेकिन सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर वह धारा ब्लैकमेलिंग की हट गई जिसकी वजह से मुझे 62 दिन जेल में रखा गया.”

ईडी ने सट्टा खिलाने वाले 4 आरोपियों को पकड़ा

छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप पर सट्टा को लेकर अब ईडी की एंट्री हो गई है. पिछले दिनों 21 अगस्त को सबसे पहले एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सुनील दामिनी, सतीश चंद्राकर और अनिल दामिनी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें कोर्ट में स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया जिसमें महादेव एप के जरिए रकम की हेराफेरी की बात सामने आई थी. इस ऐप के जरिए देश और विदेश में फंड ट्रांसफर की बात सामने आ सकती है.छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी महादेव ऐप को लेकर प्रदेश भर में कई छापे मारे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केवल दुर्ग पुलिस को ही 10 हजार से ज्यादा बैंक खातों की जानकारी मिली थी, जिसका उपयोग महादेव ऐप के संचालक बचत खातों से इन पैसों को कॉर्पोरेट खातों में भेज दिया करते थे. पुलिस के मुताबिक ऐप का मास्टरमाइंड दुबई से ऑपरेट कर रहा है.

ईडी की रेड के बाद सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा ने पीसी करते हुए कहा, “जांच एजेंसी ने जो भी जानकारी मांगी थी उसे मैंने दे दिया. सभी गहनों की डिटेल मैंने दी है. कौन से गहने बच्चों की शादी के लिए खरीदे गए हैं और कौन से गहने कब खरीदे, उसके पैसे कैसे दिए, सबका बिल और सबकी जानकारी मैंने उन्हें दी थी. साथ ही यह भी बताया कि हमने 2 ही गहने खरीदे एक पत्नी के जन्मदिन पर दूसरा हमारी शादी की सालगिरह में लिया था.”उन्होंने कहा, “ईडी अधिकारियों से मैंने कार्रवाई का आधार पूछा, लेकिन वे कुछ भी बता नहीं पाए. क्या एक मैगजीन में लगी खबर के कारण ईडी ने यह कार्रवाई की है? मैगजीन में बताया गया है कि कोई रवि उत्पल, चंद्रभूषण वर्मा हैं जो मेरे और मेरे परिवार से जुड़े हुए हैं. मेरे साथ जुड़कर रैकेट चलाते हैं. लेकिन चंद्रभूषण मेरा कोई रिश्तेदार नहीं है और ना ही मुख्यमंत्री से उसका कोई नाता है. उनका कहना है कि इनकी कार्रवाई के पीछे की मंशा क्या है, यह समझना जरूरी है.

महादेव ऐप में कैसे होती है शुरुआत

महादेव ऐप में सट्टा लगाने वालों को शुरुआत में 500 देने होते हैं. कस्टमर अगर इसमें पैसे लगाने के बाद भी हार जाता है, तब भी उन्हें जीता हुआ दिखाकर पैसे भेजे जाते हैं. ये पैसे सीधे उनके खातों में पहुंचाया जाता है. और इस तरह से लोगों को छोटी-छोटी रकम जीतने के बाद इस ऐप पर भरोसा हो जाता है. इसी भरोसे का फायदा उठाकर ज्यादा पैसों के लालच देकर बाद में बड़ी रकम दांव पर लगाई जाती है और इसके बाद वे लोग बड़ी रकम हार जाते हैं. इस ऑनलाइन गेम की सॉफ्टवेयर की कमान संचालकों के हाथों में होती है. जिसके जरिए खेलने वालों की हर और जीत तय की जाती है.

गरीबों के खातों से करोड़ों का फंड ट्रांसफर

पुलिस अधिकारियों की माने तो अब तक की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. ऐप के जरिए 5 हजार करोड़ के लेन-देन का अनुमान लगाया गया है, जिसका केंद्र बिंदु छत्तीसगढ़ माना जा रहा है. सूत्रों का दावा है कि देशभर में 30 सेंटर में इसका संचालन किया जा रहा है. हर केंद्र से करीब 200 करोड़ रुपये का लेनदेन हो रहा है. बीते साल करीब 10 लाख लोगों ने महादेव ऐप के जरिए सट्टा लगाया था.मामले की जांच में जुटी ईडी ने इस मामले में पिछले साल 9 दिसंबर 2022 को दुर्ग पुलिस को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट यानी पीएमएलए के तहत जांच करने और बैंकिंग लेनदेन को लेकर जानकारी मांगी गई थी. सूत्रों के मुताबिक ईडी को ऑनलाइन एप्लीकेशन से जुड़े ज्यादा मामले दुर्ग और भिलाई से सामने आए.

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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