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क्षमता से अधिक पानी छोड़ने से टूटा नहर, सड़क को चीरकर बह रहा पानी, किसानों का 500 एकड़ फसल किया तबाह !

कोरबा (समाचार मित्र) दर्री बराज के दायी तट नहर से होकर निकलने वाली शाखा नहर करतला विकासखंड के ग्राम बुढ़ियापाली के निकट छुईहा में सुबह 10 बजे टूट गया। 13 मीटर लंबी दूरी तक नहर के टूटने से ग्राम पंचायत पहाड़गांव, कर्रापाली व उमरेली के 500 एकड़ में लगी फसल जलमग्न हो गया।

क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने से कारण हुई इस घटना से बुढ़ियापाली से पहाड़ गांव को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री सड़क भी ध्वस्त हो गया है। मार्ग में आवागन बाधित है। जल संसाधन की लापरवाही की वजह से हुई घटना का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

ग्राम बुढ़ियापाली से लगे आसपास के गांवों में उस समय हड़कंप मच गया जब खेतों में जल स्तर अचानक बढ़ने लगा। बिना वर्षा जल स्तर बढ़ने से लोंगो को समझने में देर नहीं लगी कि शाखा नहर टूटने से यह स्थिति निर्मित हुई है। ग्राम पंचायत बुढ़ियापाली के सरपंच हेमसिंह कंवर ने बताया कि सप्ताह खेतों में पानी की कमी की वजह से शाखा नहर में पानी छोड़ा जा रहा है। जर्जर हो चुके नहर में पिछले चार दिनों से लबालब पानी छोड़ा जा रहा था। बुढ़ियापाली से पहाड़गांव को जोड़ने वाली मार्ग निकट नहर अत्याधिक टूटा था। ऐसे में दो दिनों से नहर टूटने की संभावना बनी हुई थी। इसकी सूचना क्षेत्रीय निरीक्षण करने वाले जल संसाधन के कर्मचारी को दी गई थी। इसके बाद भी जल बहाव को कम नहीं किया। वर्षा जल के कारण नहर पानी के वेग को सह नहीं पाया और तट टूट गया। पानी का वेग अधिक होने से बुढ़ियापाली से होकर पहाड़ गावं को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री योजना के तहत बनी सड़क टूट गई है। घटना के बाद नहर से जल प्रवाह को बंद कर दिया गया है। खेतों से पानी उतरने और मुआयना किए जाने के बाद वास्तविक क्षति का पता चलेगा। ग्रामीणों की माने तो जर्जर हो चुके शाखा नहर में लंबे समय से सुधार नहीं की गई है। विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किए जाने की वजह से किसानों को फसल क्षति से जूझना पड़ रहा है।

भाग खड़े हुए खेत पर काम करने वाले मजूदर

प्रथम चरण की खेती पूरा होने के बाद इन दिनों किसान खेतों उग रहे खरपतवार को निकालने के लिए निंदाई का काम कर रहे हैंं। बुधवार को बुढ़ियापाली सहित आसपास गांव के किसान खेत में काम कर रहे थे। नहर टूटने की वजह से खेत की ओर आती प्रवाह को देख कर किसान सुरक्षित जगह की ओर भाग खड़े हुए। जिन स्थानों में फसल को अधिक नुकसान हुआ है उनमें पहाड़गांव के छुईहाखार, कर्रापाली के डीपरापारा और उमरेली के भांठापारा के खेत शामिल है।

मुख्य नहर में भी हुई थी बीते वर्ष घटना

नहर टूटने की घटना पहली बार नहीं हुई है, इसके पहले भी बीते वर्ष सितंबर में दायी तट नहर सीतामढ़ी के निकट ध्वस्त हो गया था। इस घटना से बस्ती वासियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। आनन- फानन में नहर के सिंचाई सुविधा को बंद करना पड़ा था। बताना होगा कि बांगो परियोजना से शासन को प्रति वर्ष 42 करोड़ की राजस्व आय सिंचाई व औद्योगिक प्रबंधनों से होती है। इसके बावजूद भी विभाग की ओर से नहर मरम्मत के लिए कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है।

क्या बोले अधिकारी

बुढ़ियापाली के पास शाखा नहर टूटने की सूचना मिली है। यह क्षेत्र जल संसाधन के संभागीय डिविजन के अनुसार जांजगीर- चांपा जिले में आता है। विभाग के अधिकारियों को सूचित किया गया है। ध्वस्त हो चुके नहर व सड़क में सुधार की जाएगी।

पीके वासनिक, कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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