Korba

कोरबा ज़िले में विकास कार्यों की धीमी रफ्तार, सांसद निधि के 370 में से 174 कार्य अब तक नहीं हो सके शुरू, चुनाव नज़दीक !

कोरबा (समाचार मित्र) विधानसभा व लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही सरकारी कार्यों की चर्चा भी जनता के बीच शुरू हो गई है। सांसद निधि से वर्ष 2019-20 से अब तक कोरबा जिले में 370 कार्यो की घोषणा के साथ 11.28 करोड़ राशि जारी हो चुकी है।

इसमें अब तक 5.47 करोड़ खर्च होने के बाद भी 174 कार्यों की शुरूआत नहीं हुई है। विधायक निधि खर्च करने में पाली-तानाखार के विधायक सबसे पीछ हैं। वित्तीय वर्ष की शुरूआत को पांच माह बीत जाने के बाद इस साल एक रूपये की भी अनुशंसा नहीं की है।

चुनावी समर में जन प्रतिनिधि वायदों की झड़ी लगाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखते। विजेता घोषित होने के बाद अपने क्षेत्र में किए गए कार्य ही उनकी कार्यशैली व प्रतिनिधित्व क्षमता को दर्शाता है। सांसद निधि से सांसदों प्रति वर्ष पांच करोड़ रूपये खर्च करने का अधिकार है। कोरोना काल की वजह से बीते पांच वर्षों में सांसद निधि से घोषित राशि में कई तरह की विसंगति रही। वर्ष 2019-20 व वर्ष 2020-21 के दौरान कोरोना काल की वजह से कार्य बाधित रहा। इन दो वर्षों के दौरान ढाई-ढाई करोड़ की कटौती की गई। तीसरे वर्ष भी तीन करोड़ का कम आवंटन मिला।

आवंटन में कटौती को देखते हुए सांसद ज्योत्सना चरण दास महंत ने कम मद वाले निर्माण कार्य जैसे पुलिया, सामुदायिक भवन, पचरी निर्माण, अतिरिक्त भवन शेड आदि की स्वीकृति दी है। कार्यों के निरीक्षण की जिम्मेदारी जनपद अधिकारियों को है। वार्षिक प्रतिवेदन देकर अधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन भर कर रहे हैं। वर्ष अधिकारियाें के फेर बदल होने से वर्तमान अधिकारी कार्य में प्रगति नहीं आने का दोष पूर्व अधिकारियों पर मढ़ रहे हैं। विधायक निधि से होने वाले कार्यों की दशा दयनीय है। विधायकाें को प्रति वर्ष अपने निधि 1.92 करोड़ खर्च करने का अधिकार है। शासन राशि स्वीकृति भी हो चुकी हे। इसके बाद भी विधायक मोहित केरकेट्टा ने वित्तीय वर्ष शुरू होने के पांच माह बाद एक भी कार्य की अनुशंसा नहीं की है। ऐसे में जिला योजना व सांख्यिकी विभाग के प्रगति पत्रक में मद व्यय व कार्यों की शुरूआत शून्य है।

एजेंसी को लेकर आपसी प्रतिद्वंद्विता

विधायक व सांसद निधि घोषित हो चुके कार्यों के शुरू नहीं होने की वजह भूमि विवाद के अलावा निर्माण एजेंसी को लेकर आपसी प्रतिद्वंद्विता भी है। प्रतिनिधियों के सहयोगी कार्यकर्ताओं में कार्यों को कराने की होड़ मची है। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि चाहते हैं कि कार्य एजेंसी पंचायत को दिया जाए ताकि कार्य उन्हे मिले। इसी तरह शहरी समर्थक चाहते हैं कि सांसद व विधायक के घोषित कार्य सरकारी विभागों को दिया जाए जिससे वह आसानी से उन्हे मिल जाए। इसी फेर में घोषणा के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो सके हैं।

प्रभारी मंत्री के 48 घोषित कार्य में केवल 14 शुरू

विधायक व सांसद निधि के अलावा पूर्व प्रभारी मंत्री डा. प्रेमसाय टेकाम ने जिले में 4.66 करोड़ की लागत से 48 कार्यों की घोषणा की है। अब तक 14 कार्यों की ही स्वीकृति मिली है। यहां भी एजेंसी को लेकर प्रतिद्वंद्विता बनी हुई है। पाली तानाखार विधायक के अलावा अन्य विधानसभाओं के स्वीकृत कार्यों का आंकलन करें तो वित्तीय वर्ष 2023-24 में ननकी राम कंवर ने 61, जयसिंह अग्रवाल ने 44 कार्यों की अनुशंसा की है। वहीं कटघोरा विधानसभा से विधायक पुरूषोत्तम कंवर ने 57 कार्यों की अनुशंसा की है।

सांसद व विधायक निधि कार्यों के प्रगति को लेकर जनपद के अधिकारियों को प्रगति लाने के लिए कहा गया है। पाली-तानाखार के विधानसभा क्षेत्र से इस वर्ष एक भी कार्य की अनुशंसा नहीं की है। विधायक से पत्राचार कर इस संबंध में जानकारी ली जाएगी।

मोहन सिंह कंवर, जिला योजन व सांख्यिकी अधिकारी।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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