KorbaKartala

कथरीमाल सहित कई गौठानों के रखरखाव में लापरवाही, शेड टूटे, गायों के लिए रखे चारे भी बारिश में भीगे, जानें जमीनी हकीक़त ! 

कोरबा/करतला। कोरबा जिले के करतला विकासखंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत कथरीमाल में गौठान की हालत रखरखाव के अभाव में दिन-ब-दिन खराब होते जा रही है। जमीनी सच्चाई यही है की मुख्यमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी को पलीता लगाया जा रहा हैं। योजना के नाम पर कई गौठान समिति द्वारा केवल खानापूर्ति मात्र ही किया जा रहा है जबकि गायों को गौठानो में रखा ही नही जा रहा है। वही योजना के तहत निर्मित जिले के कई गौठानों में खराब देखभाल और व्यवस्था के चलते सुविधाओं की कमी होती जा रही है। समय के साथ गौठान समिति की लापरवाही से गायों के लिए बने चारा शेड, केचुए, खाद और पैरा शेड सहित अन्य निर्माण के भी टूटने लगे है। बरसात में पैरा को सुरक्षित रखने तक की व्यवस्था कई गौठान समिति के पास नही है। किसानों के पास गाय नही है और न ही गौठानों में है तो गोबर खरीदी कैसे हो रही है। इन्ही व्यवस्थाओं को देखकर भाजपा के विधायक सौरभ सिंह ने विधानसभा में गोबर खरीदी घोटाले की पोल खोलकर रख दी थी।

समिति को मिलता है 10 हज़ार प्रतिमाह !

गौठान समिति को 10 हज़ार रुपए प्रतिमाह देखभाल और अन्य खर्चों के लिए दिया जाता है जिसका सदुपयोग नही हो रहा है। जिससे गौठानों में व्यवस्था सुधार पर जोर नही दिया जा रहा है। गौठान समितियों द्वारा शासन द्वारा ज़ारी राशि का खर्च कहां किया जाता है इसका हिसाब तक जनपद मुख्यालय में नही मिलता।

गाय सड़कों पर ! यात्री और गाय दोनों दुर्घटना के हो रहे शिकार ।

कथरीमाल सहित ब्लॉक के ज्यादातर गौठानों में गाए मौजूद ही नही है। कृषि का समय है मवेशियों को खुलेआम छोड़ दिया गया है। खुलेआम घूम रहे मवेशियों की वजह से राहगीरों की दुर्घटना में जन हानि होने की संभावना है। यही नहीं खुद गौ माताएं भी दुर्घटना का शिकार हो रही है। सड़कों में आए दिन गौ माताओं के शव पड़े देखे जा सकते है जिसके लिए ग्रामीण प्रशासन को ही ज़िम्मेदार मानते है।

दुर्घटनाओं में घायल गायों का नही हो रहा कोई ईलाज !

सड़कों पर बैठे गाय आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है। गौठानों में नही रखने पा ये मवेशी सड़कों पर बैठ जाते है जो आए दिन दुर्घटना का कारण बन रहे है। इंसानों का ईलाज तो हो जाता है परंतु इन घायल गायों का हाल कोई पूछने वाला तक नही है। ऐसे में सड़को पर ही गायों की मौत हो जा रही है।

Nimesh Kumar Rathore

Chief Editor, Mob. 7587031310
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