एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट समेत तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अधिवक्ताओं ने निकाली आक्रोश रैली, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन।
कोरबा (समाचार मित्र) तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अधिवक्ता संघ ने शुक्रवार को रैली निकाली बाइक से पूरे शहर के मुख्य मार्ग पर भ्रमण करते हुए अधिवक्ता गण कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और वहां राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए एडवोकेट् प्रोटेक्शन एक्ट सहित अन्य मांगो को शीघ्र पूरा करने की मांग की ।
अधिवक्ता संघ का कहना है कि अधिवक्ता समाज के विभिन्न वर्ग को न्याय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। न्यूनतम फीस लेकर या फिर मदद के रूप में निःशुल्क कानूनी परामर्श देकर हम गरीब व मध्यम वर्ग के लोगो को सहायता प्रदान करने का प्रसास करते है। अपराधिक मामलों या जमीन जायदाद के मामलों में विरोधी पक्षकार अधिवक्ताओं को पैरवी करने से रोकने का हर संभव प्रयास करते है जिसके तहत अधिवक्ताओं के विरूद्ध झूठी रिपोर्ट लिखाने, अपराधिक षडयंत्र में फंसाने, धमकी देने एवं हमला करने के कई मामले प्रकाश में आ चुके है।
इन सब कारणो से अधिवक्ता व उसका परिवार अधिकांश समय असुरक्षा तथा तनाव से ग्रसित रहते है। अधिवक्ताओं की निश्चित आमदनी का साधन नही होने एवं विधि व्यवसाय के अतिरिक्त कोई अन्य व्यवसाय नही करने की बाध्यता के कारण बहुत से अधिवक्ता साथी संघर्ष पूर्ण जीवन यापन कर रहे है। इन विकट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ के समस्त अधिवक्ताओं की सुरक्षा तथा कल्याण के लिए निम्न मांगों को शीघ्र पूरा करने का निवेदन किया था। जो इस प्रकार है..
- एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को शीघ्र लागू किया जावे।
- अधिवक्ता को सपरिवार निःशुल्क मेडिकल सुविधा एवं दस लाख रूपए का बीमा का लाभ दिया जावे।
- मृत्यु दावा राशि को बढ़ाकर दस लाख किया जाए ।
विगत विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस के घोषणा पत्र में इन मांगों को सरकार बनाने के बाद पूरा करने का वादा किया गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ के 27 हजार से ज्यादा अधिवक्ताओं की अनदेखी करते हुए आज तक इन वादों को पूरा नही किया गया। सरकार की अनदेखी व उपेक्षा से अधिवक्ता समुदाय उद्वेलित एवं आक्रोशित है।
अगर भूपेश बघेल की सरकार उक्त तीनों मांगों को शीघ्र पूरा नहीं करती है तो प्रदेश भर के अधिवक्ता उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी ।